रोज 11 खाने की टिफिन भरकर देती थी मां, 600 बॉल खेलते थे वैभव सूर्यवंशी

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Vaibhav Suryavanshi 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल में 35 बॉल पर शतक लगाकर सबसे कम उम्र में सेंचुरी का रिकॉर्ड बनाया. राजस्थान रॉयल्स के लिए 38 बॉल पर 101 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई. बेटे को बड़ा क्रिकेटर बन…और पढ़ें

वैभव सूर्यवंशी ने कहा उनकी सफलता माता पिता की मेहनत का नतीजा
नई दिल्ली. वैभव सूर्यवंशी ने इंडियन प्रीमियर लीग में एक ऐसा रिकॉर्ड बना डाला जिसे अब शायद ही कोई तोड़ पाए. ना सिर्फ इस टूर्नामेंट में बल्कि दुनियाभर में खेली जाने वाली टी20 लीग में सबसे कम उम्र में सेंचुरी लगाने वाले बैटर बन गए हैं. महज 35 बॉल पर शतक लगाकर वैभव सूर्यवंशी ने इतिहास रच दिया. आईपीएल में अब यह युवा सबसे कम बॉल में सेंचुरी बनाने वाला भारतीय बन गया है. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है और माता पिता का त्याग भी शामिल है.
इंडियन प्रीमियर लीग 2025 में डेब्यू करने वाले 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने अपनी पहली बॉल पर छक्का लगाकर सबको बता दिया था वो क्या कर सकते हैं. महज तीसरे मैच में सबसे तेज सेंचुरी जमाकर तमाम लोगों को जवाब दिया जो वैभव को बच्चा मान रहे थे. गुजरात टाइटंस के खिलाफ 210 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरे राजस्थान रॉयल्स के लिए 38 बॉल पर 101 रन की पारी खेल उन्होंने मैच एकतरफा कर दिया. 15.5 ओवर में टीम ने 2 विकेट गंवा कर जीत हासिल की और अपने प्लेऑफ की उम्मीदों को जिंदा रखा.
11 टिफिन और 600 बॉल
वैभव सूर्यवंशी की प्रतिभा को पिता ने छोटी उम्र में ही भांप लिया थी. तभी बेटे के भविष्य के लिए अपनी जमीन तक को उन्होंने बेचने में हिचकिचाहत नहीं की. पिता ने पैसों की कमी नहीं आने दी तो मां ने खाने पीने का पूरा ख्याल रखा. सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक हर दिन जब वैभव प्रैक्टिस के लिए जाते तो 11 टिफिन भरकर देती थी. 10 उन बच्चों के लिए जिनके साथ बेटा बैटिंग प्रैक्टिस करता था और 1 उनके खुद के लिए.
वैभव के कोच ने उनको बड़े मंच के लिए छोटी उम्र में ही तैयार करने का फैसला लिया था. तभी हर दिन उनको 600 बॉल खेलने के लिए उतारा जाता था. प्रैक्टिस के दौरान उनको हर दिन कम से कम 600 बॉल तो खेलना ही होता था. अब मंच बड़ा होता तो बॉल की रफ्तार भी तेज होगी इसी वजह से वैभव को 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार वाली गेंद की प्रैक्टिस कराई जाती थी.
