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राजधानी-दुरंतो जैसी लग्जरी और अब चुटकियों में पहुंचिए यूपी-बिहार!

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New Vande Bharat Train News: वंदे भारत की नई स्लीपर ट्रेन 2025-26 तक दौड़ने लगेगी. इसका सफर सुपरफास्ट और आरामदायक होगा. जानिए ट्रेन की खासियत, रूट और यात्रियों को क्या फायदे होंगे, पूरी जानकारी पढ़ें…

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वंदे भारत की स्लीपर कोच ट्रेन शुरू होने वाली है

हाइलाइट्स

  • वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में अब अब सफर आसान और आरामदायक होगा.
  • अब लोग रात में सोते-सोते आराम से लंबा सफर कर सकेंगे.
  • उम्मीद है कि 2025-26 तक पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी.

नई दिल्ली. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में अब अब सफर आसान और आरामदायक होगा. सरकार जल्दी ही वंदे भारत की नई स्लीपर ट्रेन शुरू करने वाली है. अब लोग रात में सोते-सोते आराम से लंबा सफर कर सकेंगे. उम्मीद है कि 2025-26 तक पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी. अगर अब आपको अपने ससुराल जान हो या मायके वंदे भारत स्लीपर ट्रेन राजधानी और दुरंतो जैसी लग्जरी ट्रेनों से आधे वक्त पर आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा देगी.

वित्तीय वर्ष 2025-26 में वंदे भारत (VB) स्लीपर ट्रेन सेट का प्रोटोटाइप लॉन्च किया जाएगा. द हिंदू अखबार को यह जानकारी कोलकाता स्थित टिटागढ़ रेल सिस्टम्स के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर पृथीश चौधरी ने दी है. बताया जा रहा है कि ₹9,600 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के तहत 80 ट्रेन सेट बनाए जाएंगे, जिनकी प्रति ट्रेन लागत ₹120 करोड़ होगी. यह प्रोजेक्ट चार साल में पूरा होगा. इसके अलावा, अगले 35 वर्षों तक ट्रेन की देखरेख और मेंटेनेंस के लिए ₹13,400 करोड़ अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे.

16 कोच के सेट पर बनी सहमति
टिटागढ़ कंपनी द्वारा रेलवे मंत्रालय को केबिन डिजाइन सौंपने के बाद मंत्रालय ने कुछ बदलाव करने के निर्देश दिए, जैसे पैंट्री कार जोड़ने के साथ ही ट्रेन सेट 16 कोच के होंगे या 24 कोच के, इस पर भी चर्चा हुई है. चौधरी ने बताया कि 16 और 24 कोच के ट्रेन सेट के लिए अलग-अलग इंजीनियरिंग की जरूरत होती. अब फैसला हो चुका है कि हम 16 कोच के मूल अनुबंध के साथ ही आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि डिजाइन का काम अब दोबारा शुरू हो चुका है और उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में प्रोडक्शन भी शुरू हो जाएगा.

3,200 वंदे भारत कोच की जरूरत
टिटागढ़ की एक निवेशक बैठक में बताया गया कि रेलवे को भविष्य में करीब 3,200 वंदे भारत कोच की आवश्यकता होगी, जिसकी कुल लागत ₹72,000 करोड़ होगी.

चीनी कंपनी के साथ करार
टिटागढ़, बेंगलुरु मेट्रो के लिए कोच बनाने के लिए चीनी सरकारी कंपनी CRRC के साथ साझेदारी में काम कर रहा है. यह प्रोजेक्ट पहले पूरी तरह CRRC को दिया गया था, लेकिन चीन के साथ कुछ विवाद के चलते भारतीय पार्टनर की जरूरत पड़ी. चौधरी ने बताया कि CRRC ने तकनीक साझा की है जिससे कोच भारतीय मानकों के अनुसार बनाए जा रहे हैं.

बेंगलुरु मेट्रो कोच सप्लाई
2019 में टिटागढ़ को 1,578 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट मिला था, जिसके तहत 216 कोच की सप्लाई की जानी है। यह सप्लाई अगले चार वर्षों में पूरी होगी.

विस्तार की योजना
टिटागढ़ हर साल 12,000 फ्रेट वैगन और 840 पैसेंजर कोच बना रही है. अब कंपनी सिग्नलिंग, सेफ्टी सिस्टम और समुद्री जहाज निर्माण जैसे नए क्षेत्रों में भी उतरने की तैयारी कर रही है. उन्होंने बताया कि अभी हम योजना बना रहे हैं कि आगे कहां और कैसे बढ़ना है. निवेशकों को जल्द ही पूरा रोडमैप बताएंगे.

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