रांची में JPSC अभ्यर्थियों का रोष प्रदर्शन, रिजल्ट जारी नहीं होने से परेशान

रांची. झारखंड की राजधानी रांची के जेपीएससी कार्यालय के समक्ष विद्यार्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया. दरअसल, यह ऐसे छात्र है जिन्होंने जेपीएससी प्रीलिम्स पास कर लिया है और मेंस भी दे दिया है. लेकिन अभी लगभग 1 साल होने को है पर रिजल्ट अभी तक नहीं आया है. हालांकि, जेपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति डेढ़ महीने पहले ही हो चुकी है.लेकिन मेंस के रिजल्ट न आने से छात्रों के बीच काफी आक्रोश देखा जा रहा है.
घर पर मिल रहे ताने, रिजल्ट का कोई पता नहीं
जेपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं सत्या बताते हैं, घर पर अब बच्चे पूछने लगे हैं, बहन और घर वाले पूछते हैं कि आप कुछ करते क्यों नहीं? घर पर कंट्रीब्यूट क्यों नहीं करते बैठे रहते हैं. कब तक एग्जाम के भरोसे बैठेंगे. इस तरह की चीज सुनने को मिल रही है. अब आप समझ सकते हैं कि हमने अगर मेंस दिया है तो हमारे भीतर टैलेंट होगा और हमें पूरी उम्मीद है कि मेंस निकलेगा. ऐसे में अपना ध्यान कहीं भटकाना नहीं चाहते. लेकिन, यहां के अध्यक्ष को स्पेन, दिल्ली और बाहर घूमने से फुर्सत ही नहीं है.
जिंदगी बर्बाद हो गई
अभ्यर्थी मृत्युंजय बताते हैं, क्या करें समझ में नहीं आता. प्रीलिम्स दे दिया, निकाल भी लिया. प्रीलिम्स के रिजल्ट के लिए हमने धरना दिया तब जाकर रिजल्ट निकला और मेंस के लिए धरना दे रहे हैं तब मेंस का रिजल्ट निकलेगा और फिर इंटरव्यू के लिए धरना देना पड़ेगा तब इंटरव्यू का रिजल्ट निकलेगा. ऐसा होता है क्या, ऐसा कहीं नहीं होता है. अध्यक्ष की नियुक्ति आखिर हुई क्यों है? डेढ़ महीने हो गए आखिर हो क्या रहा है? अध्यक्ष आखिर क्या कर रहे हैं, कुछ तो बताएं. मेंस का रिजल्ट कोई बहुत रॉकेट साइंस जैसी चीज नहीं है, जो यह नहीं निकाल सकते. अब तक क्यों नहीं निकला, इसका जवाब देना होगा.’
‘मैया योजना के बाद थोड़ा भैया योजना पर भी दें ध्यान’
सुधीर बताते हैं, सरकार फिलहाल मैया योजना पर बहुत हीं ध्यान दे रही है, एकदम कंसंट्रेशन वहीं पर है, बस उसका एक परसेंट कंसंट्रेशन थोड़ा सा भैया योजना पर भी दे. हम भैया के बारे में भी सोचे और कुछ भैया योजना भी लॉन्च कर दे. इसका रिजल्ट निकल जाए और फिर इंटरव्यू भी जल्दी हो जाए. आखिर कब तक बैठे रहेंगे.अध्यक्ष से मिलेंगे तो पता चला अध्यक्ष दिल्ली गए हुए हैं, एक बार आया था तो पता चला था कि विदेश गए है. जब आते हैं तो कहीं ना कहीं घूमते रहते हैं, क्या घूमने के लिए अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. उनकी क्या जिम्मेदारी है?
अब खुद पर ही आ रही है शर्म, किया जा रहा टॉर्चर
वहीं, प्रदीप बताते हैं ‘अब खुद पर ही शर्म आ रही है. ऐसा लगता है कि जिंदगी में कुछ कर ही नहीं पाएंगे. अब आप ही बताइए एक मेंस के रिजल्ट के लिए 270 दिन से ज्यादा हो चुका है, इतना दिन इंतजार किया जाता है क्या? इतने दिन में तो कोई दूसरा एग्जाम में क्रैक कर देंगे. लेकिन बीच में ध्यान किसी और चीज में भटकाना नहीं चाहते. घर वाले भी ताना देते हैं, मां-बाप ताना देते हैं. कहते हैं कि बाहर जाकर जॉब करो बहाना मत मारो. क्या करें, समझ नहीं आता, डिप्रेशन में चले गए हैं, हमें टॉर्चर किया जा रहा है.’
