रमजान मुबारक का आगाज इस तारीख से, जानें कब है पहला रोजा, इबादत की अपील

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रमजान का पवित्र महीना 2 मार्च से शुरू होगा, जिसमें मुस्लिम समुदाय रोजा रखेगा. शहर काजी मोहम्मद तय्यब अंसारी ने चांद न दिखने पर यह घोषणा की. रमजान में इबादत और दुआ की अपील की गई है.

जोधपुर में नहीं दिखा चांद, पहला रोजा कल
हाइलाइट्स
- रमजान का पवित्र महीना 2 मार्च से शुरू होगा.
- जोधपुर में चांद न दिखने पर पहला रोजा 2 मार्च को.
- रमजान में इबादत और दुआ की अपील की गई है.
जोधपुर:- रमजान इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जिसमें दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा (उपवास) रखते हैं. रोजा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और इसका पालन हर बालिग और स्वस्थ मुस्लिम व्यक्ति पर अनिवार्य होता है. ऐसे में रमजान माह के शुरुआत की बात करें, तो बरकत के पाक महीने रमजान मुबारक का आगाज 2 मार्च को पहले रोजे के साथ होगा.
रूयत-ए-हिलाल चांद कमेटी के अध्यक्ष शहर काजी मोहम्मद तय्यब अंसारी और मुफ्ती-ए-राजस्थान मौलाना शेर मोहम्मद खान रिजवी ने इसका ऐलान करते हुए बताया था कि शुक्रवार की शाम रमजान के पाक महीने का चांद नजर नहीं आया, जिसके आधार पर खैरो बरकत के पाक महीने रमजान मुबारक का पहला रोजा रविवार 2 मार्च को होगा.
रमजान की मुबारकबाद पेश करते हुए अपील
उन्होंने सभी को रमजान की मुबारकबाद पेश करते हुए अपील की है कि इस पाक महीने में ज्यादा से ज्यादा नमाज, नफिल नमाज, कुरान की तिलावत में वक्त गुजारें और मुल्क व शहर में अम्नो अमान की दुआ भी करें. उन्होंने आमजन से अपील की है कि मौसम में गर्मी बढ़ना शुरू हो चुकी है. इसलिए रमजान में बेवजह बाहर न निकलें और मस्जिदों का अदब करें, मस्जिदों में बेवजह न ठहरें, केवल इबादत के लिए ही रूकें.
चांद दिखते ही कल से रमजान का आगाज
मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी जोधपुर चेयरपर्सन मोहम्मद अतीक की मानें, तो इस्लाम में चंद देखने के बाद में ही महीना शुरू माना जाता है. कई बार एकं को चंद नहीं होता है, तो बीज को चंद निकालना लाजमी है. कल एकम था और चांंद नहीं दिखा, इसलिए आज बीज है, तो चांद देखने का मौका भी और नहीं दिखता है. तब भी रमजान माह का आगाज होगा. रविवार को पहले रोजे का वक्त जोधपुर शहर में खत्म सेहरी 5:38 बजे, इफ्तार 6:42 बजे और सोमवार को खत्म सेहरी का वक्त 5:37 बजे दारुल उलूम इस्हाकिया के अनुसार रहेगा.
मुस्लिम धर्म का सबसे पाक माह-रमजान
शहर काजी के अनुसार, यह पाक महीना है. इस माह में खुदा की इबादत करने से अल्लाह की रहमत बरसती है. रात के आखरी पहर सुबह सादिक से पहले सेहरी (हल्का खाना) खाकर रोजे की नीयत करके रोजा रखा जाता है. रोजा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है. रोजा आंख, हाथ, पैर, दिल, मुंह सभी का होता है, ताकि रोजा रखने वाला इंसान हमेशा बुराई से तौबा करता रहे. रोजा सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक का होता है. इस दौरान वह कुछ खा-पी नहीं सकता. रोजे की शुरुआत में फजर की नमाज होती है. रोजा खोलने के वक्त मगरिब की नमाज होती है.
Jodhpur,Rajasthan
March 01, 2025, 15:33 IST
