ये बच्चा है या कैलकुलेटर, सेकेंड में हल करता है करोड़ों के सवाल!

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Saharanpur: सहारनपुर के 12 साल के देवांश ने अपनी प्रतिभा से परिवार के साथ ही जिले का नाम भी रोशन कर दिया है. देवांश चलते-फिरते कैलकुलेटर हैं और करोड़ों का गुणा-भाग सेकेंड्स में कर देते हैं. उन्हें बहुत सारी ट्र…और पढ़ें

पिता कर रहे सरहद पर देश सेवा, बेटा कर रहा इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रोशन
हाइलाइट्स
- सहारनपुर के 12 वर्षीय देवांश ने गणित में विश्व चैंपियनशिप जीती.
- देवांश बिना कॉपी-पेन के सेकंडों में जटिल गणित हल करते हैं.
- देवांश के पास इतने मेडल हैं कि उनका खुद का वजन भी उनसे कम है.
सहारनपुर. सहारनपुर के होनहार बच्चे लगातार जिले और देश का नाम रोशन कर रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं 12 वर्षीय देवांश सिंह गुर्जर, जिन्होंने अपनी असाधारण गणितीय प्रतिभा से पूरी दुनिया को चौंका दिया है. देवांश का दिमाग कंप्यूटर और कैलकुलेटर से भी तेज चलता है. वे करोड़ों तक के पहाड़े फटाफट सुना देते हैं और बिना किसी कॉपी-पेन के सेकंडों में जटिल गुणा-भाग कर लेते हैं.
परिवार में कौन-कौन
देवांश सहारनपुर के रामपुर मनिहारान विधानसभा क्षेत्र के गांव सहजवा के रहने वाले हैं. उनका जन्म 12 मार्च 2013 को हुआ था. उनके पिता गजराज सिंह आईटीबीपी में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं, जबकि उनकी मां पूजा गृहिणी हैं. देवांश को बचपन से ही गणित में गहरी रुचि थी. जब वे पहली कक्षा में थे, तब उन्होंने टीचर्स के सामने गणित के कठिन सवालों को झटपट हल कर सभी को चौंका दिया था.
तीसरी बार बने विश्व चैंपियन
आज, देवांश कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा साबित कर चुके हैं. हाल ही में, उन्होंने 2025 की इंटरनेशनल मेंटल मैथ चैंपियनशिप में “बेस्ट ऑफ बेस्ट” का अवॉर्ड जीतकर तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. इससे पहले, वे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं.
वजन से ज्यादा ट्रॉफी
देवांश के पिता गजराज सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में गर्व से बताया कि उनका बेटा महज 5 साल की उम्र से मेडल और ट्रॉफी जीतता आ रहा है. आज देवांश के पास इतने मेडल हैं कि उनका खुद का वजन भी उनसे कम है. 2024 के ओलंपियाड में भी देवांश ने “चैंपियंस ऑफ चैंपियंस” का खिताब जीता था.
मेहनत बनाती है अलग
देवांश की मां पूजा बताती हैं कि वे उसकी पढ़ाई और खेलकूद पर विशेष ध्यान देती हैं. हालांकि, देवांश की गणितीय प्रतिभा जन्मजात है, लेकिन वे हमेशा अभ्यास में लगे रहते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि देवांश को सामान्य बच्चों की तरह ही ट्रीट किया जाता है, लेकिन उसकी मेहनत और लगन उसे बाकी बच्चों से अलग बनाती है.
करेगा नाम रोशन
देवांश की उपलब्धियों ने सहारनपुर और पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. उनके माता-पिता को लोग लगातार बधाइयां दे रहे हैं और सभी को उम्मीद है कि यह होनहार बच्चा आगे भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगा.
