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महंगे ब्रांडेड साबुन भी कर रहे स्किन बर्बाद? जानिए क्यों ये साबुन सबसे बेस्ट

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Ayurvedic Soap Benefits: आयुर्वेदिक साबुन, जो नीम, एलोवेरा और केसुडा से बने होते हैं, त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं. रसायनयुक्त साबुन त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं. महिलाएं घर पर आयुर्वेदिक साबुन बना रही हैं…और पढ़ें

महंगे ब्रांडेड साबुन भी कर रहे स्किन बर्बाद? जानिए क्यों ये साबुन सबसे बेस्ट

हाइलाइट्स

  • आयुर्वेदिक साबुन त्वचा के लिए फायदेमंद हैं.
  • महिलाएं घर पर आयुर्वेदिक साबुन बना रही हैं.
  • नीम, एलोवेरा और केसुडा युक्त साबुन की मांग बढ़ रही है.

सूरत: समय के साथ सौंदर्य प्रोडक्ट और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में काफी बदलाव आया है. आज हम साबुन के बारे में बात करने जा रहे हैं. साबुन, जो रोजमर्रा की जरूरत है, अगर रसायनयुक्त (containing chemicals) हो तो यह शरीर और बालों के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में आजकल लोग आयुर्वेदिक पद्धति से बने साबुन की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि यह प्राकृतिक हर्बल तत्वों से तैयार होते हैं और त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होते हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार, आजकल बाजार में मिलने वाले सामान्य साबुन में केमिकल और कास्टिक का उपयोग होता है. ये साबुन केमिकल और कास्टिक आधारित होते हैं, जो अधिक झाग पैदा करते हैं. ये साबुन त्वचा के लिए हानिकारक साबित होते हैं. इनमें रासायनिक तत्वों (Chemical Elements) के कारण त्वचा सूखी और संवेदनशील हो सकती है और लंबे समय में त्वचा के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. इसके विपरीत, लोग आयुर्वेदिक साबुन के फायदों के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन इसके भ्रमित मान्यताओं के कारण गुमराह हो जाते हैं.

आयुर्वेदिक साबुन के फायदे
आयुर्वेदिक साबुन में नीम, एलोवेरा और केसुडा का उपयोग किया जाता है. नीम और एलोवेरा में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जबकि केसुडा गर्मी में ठंडक प्रदान करता है. आयुर्वेदिक साबुन त्वचा को पोषण देकर स्वस्थ रखता है और किसी भी केमिकल्स के बिना प्राकृतिक ताजगी प्रदान करता है.

आयुर्वेदिक साबुन गुणों से भरपूर होते हैं और प्राचीन समय में इन्हें लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता था. इन्हें बनाने में समय भी लगता है, और ये थोड़े कठोर होते हैं. इनमें अधिक झाग नहीं बनती. हालांकि, वर्तमान में बाजार में मिलने वाले विभिन्न आयुर्वेदिक साबुन भी थोड़े सॉफ्ट दिखाई देते हैं, जिसका कारण यह है कि इन्हें अधिकतर महिलाएं तैयार करती हैं.

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महिलाओं के लिए उद्योग की संभावना
आज के समय में महिलाएं घर पर विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक साबुन बना रही हैं. मौसम के अनुसार त्वचा की जरूरतों के हिसाब से साबुन बनाए जाते हैं. गर्मियों में नीम, एलोवेरा और केसुडा युक्त साबुन की विशेष मांग रहती है. इस प्राकृतिक पद्धति से बने साबुन को बढ़ती जागरूकता के कारण बड़े पैमाने पर स्वीकार किया जा रहा है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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