मधुमक्खी पालन में बड़ा फायदा… पर कीड़े और चींटियों से खतरा! ये तरीके बचाएंगे

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Beekeeping Farming: किसान मधुमक्खी पालन से अच्छी आमदनी कमा रहे हैं, लेकिन कीटों से नुकसान हो रहा है. कृषि विशेषज्ञ हीरजीभाई भींगराडिया ने कीट नियंत्रण के उपाय बताए, जैसे छत्ते की सफाई और चींटियों से बचाव.

मधुमक्खी पालन में कीट नियंत्रण के उपाय
हाइलाइट्स
- मधुमक्खी पालन से किसान कमा रहे हैं अच्छी आमदनी.
- छत्ते की नियमित सफाई और दरारों की मरम्मत जरूरी.
- चींटियों से बचाव के लिए ऊंचे स्टैंड और तेलयुक्त पट्टी का उपयोग करें.
बोटाद: आज के समय में किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर बागवानी और नई प्रकार की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. सरकार की विभिन्न योजनाओं और सहायता से किसान अधिक सशक्त हो रहे हैं. बोटाद जिले में किसान मधुमक्खी पालन जैसी नई खेती अपनाकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं, लेकिन मधुमक्खी पालन के दौरान कई प्रकार के कीट नुकसानदायक साबित होते हैं. इन कीटों को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है, इस पर जिले के कृषि विशेषज्ञ ने विस्तृत जानकारी दी.
जिले के कृषि विशेषज्ञ हीरजीभाई भींगराडिया बताते हैं कि मधुमक्खी पालन में कई प्राकृतिक दुश्मन बाधा बनते हैं, जिनका नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है.
मोम के कीड़े की समस्या और उसका समाधान
बता दें कि मधुमक्खी के छत्ते में मोम के कीड़े का उपद्रव सबसे अधिक देखा जाता है, खासकर कमजोर कॉलोनियों में. बड़े कीड़े भूरे रंग के होते हैं, जो रात में या कमजोर बस्तियों में दिन में भी मधुमक्खी के छत्ते में प्रवेश कर अंडे देते हैं. इन अंडों से 8-10 दिनों में पीले रंग के लार्वा निकलते हैं, जो मधुमक्खी के छत्ते में छोटी नलिकाएं बनाकर नुकसान पहुंचाते हैं.
छोटे कीड़े राख या भूरे रंग के होते हैं और उनके लार्वा मधुमक्खी के छत्ते की बाहरी सतह पर रहकर मोमयुक्त हिस्से को नुकसान पहुंचाते हैं. नियंत्रण के लिए मधुमक्खी के छत्ते की नियमित सफाई, दरारों की मरम्मत, और अनावश्यक फ्रेम्स को हटाने जैसे कदम उठाना आवश्यक है.
अन्य कीट और उनका नियंत्रण
मधुमक्खी के परजीवी किथरी 10 दिनों का जीवनचक्र रखते हैं और मधुमक्खी के शरीर से खून चूसकर नुकसान पहुंचाते हैं. चींटियां, खासकर काली और मोनोमोरियम जाति, कमजोर कॉलोनियों पर हमला करती हैं. चींटियों से बचने के लिए मधुमक्खी के छत्तों को जमीन से ऊंचे स्टैंड पर रखना चाहिए और स्टैंड के आधार को पानी से भरी कटोरी में रखना चाहिए. इसके अलावा, स्टैंड पर तेलयुक्त पदार्थों की पट्टी लगाने से भी चींटियां दूर रहती हैं.
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वन्य जीवों से सुरक्षा: जंगल के क्षेत्र में भालू जैसे जानवरों से मधुमक्खी के छत्तों को बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी जरूरी है. लकड़ी के स्टैंड को दीमक से बचाने के लिए काले रंग या डामर लगाने की सलाह दी जाती है. इस प्रकार, मधुमक्खी पालन में सफलता पाने के लिए कीटों का उचित नियंत्रण और प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है.
February 14, 2025, 23:10 IST
