भारत में इन खतरनाक वायरसों ने मचाई थी तबाही, जानें फिर कैसे बनी वैक्सीन
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सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में आए दिन कोई न कोई वायरस से संबंधित बीमारी दस्तक देती है. कोरोना के बाद से दुनिया का लगभग हर देश बीमारी या वायरस को लेकर काफी ज्यादा अलर्ट रहते हैं कि कोई भी छोटी सी दिखने वाली बीमारी महामारी का रूप न ले लें. आज हम भारत के बारे में विस्तार से बात करेंगे कौन सी बीमारी ने भारत में अब तक दस्तक दे दी है. भारत बीते सालों में कई वायरल बीमारियों और संक्रमणों से प्रभावित रहा है. जिनमें कोरोना वायरस, डेंगू और निपाह वायरस शामिल हैं. साल 2024 के आखिरी महीनों से एचपीवी वायरस ने भी भारत में कदम रखा और आए दिन इसके केसेस आते रहते हैं. आज हम भारत को प्रभावित करने वाले बीमारियों के बारे में विस्तार से जानेंगे.
जब बाहर ठंड होती है तो लोगों को सर्दी, फ्लू और अब कोविड-19 क्यों अधिक होता है? साइंटिस्टों ने सर्दियों में हमें अधिक सांस से संबंधित बीमारियां होने का खतरा होता है. ठंडी हवा नाक में होने वाली इम्युनिटी को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाती है.
‘द जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी’ में पब्लिश साल 2022 के रिसर्च के मुताबिक नाक के अंदर के तापमान को 9 डिग्री फ़ारेनहाइट (5 डिग्री सेल्सियस) तक कम करने से नाक में मौजूद अरबों सहायक बैक्टीरिया से लड़ने वाली कोशिकाओं और वायरस में से लगभग 50% मर जाते हैं.
1. राइनोवायरस
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, सर्दी-जुकाम के करीब 40% मामले तो सिर्फ राइनोवायरस (rhinovirus) के कारण ही होते हैं. जिसे कॉमन कोल्ड या सर्दी-जुकाम कहा जाता है. इस वायरस के वैक्सीन है. इसे आराम से ठीक किया जा सकता है.
2. कोरोना वायरस
साल 2019-20 में आई कोविड 19 की महामारी से पहले भी कोरोना मौजूद था. इसके कई प्रकार यानी स्ट्रेन हैं. कोरोना महामारी इसका एक नया स्ट्रेन था. इसकी वजह से भी सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं.WHO के अनुसार, कभी-कभी इनमें कॉमन कोल्ड के लक्षण नजर आते हैं लेकिन गंभीर मामलों में सर्व एक्यूट रेस्पायरेटरी सिंड्रोम (SARS) मतलब लंग्स और सांस लेने की समस्या बन जाते हैं. इसके एक प्रकार को SARS-CoV 2 कहा जाता है, जो कोविड 19 का कारण था.
3. एडीनो वायरस
एडीनो वायरस भी 50 से ज्यादा तरह के होते हैं. इसकी वजह से सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं लेकिन कई बार गंभीर मामलों में निमोनिया या लंग इंफेक्शन भी हो सकता है. इससे कंजेक्टिवाइटिस या पिंक आई भी हो सकता है. इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए.
4. RSV
आरएसवी से होने कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम के लक्षण कॉमन होते हैं लेकिन कई बार ये गंभीर भी बन सकता है. इसलिए कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ज्यादातर बार ये खुद ही ठीक हो जाते हैं लेकिन अगर ज्यादा दिनों तक बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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