बेसहारों का सहारा! खंडवा की यह संस्था दे रही बेसहारों को आखिरी विदाई, जानिए

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खंडवा की पूर्व निमाड़ सामाजिक सांस्कृतिक सेवा समिति अनाथ और बेसहारा शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर रही है. संस्था हिंदू-मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार कर हर आत्मा को शांति देती है. यह पहल न…और पढ़ें

तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर आए विदेशी पर्यटक का अंतिम संस्कार करते हुए संस्था के सदस्य
खंडवा: खंडवा शहर में एक संस्था मानवता की मिसाल बन चुकी है. पूर्व निमाड़ सामाजिक सांस्कृतिक सेवा समिति नाम की यह संस्था उन अनाथ और बेसहारा शवों का अंतिम संस्कार करती है, जिनके अपने इस दुनिया में नहीं होते. खासतौर पर, रेल दुर्घटना में मारे गए या लावारिस हालत में मिले शवों का पूरे रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है.
हर धर्म का किया जाता है सम्मान
इस संस्था की सबसे खास बात यह है कि यह शवों का अंतिम संस्कार हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के रीति-रिवाजों के मुताबिक करती है. अगर शव हिंदू व्यक्ति का होता है, तो उसका दाह संस्कार किया जाता है, और अगर वह मुस्लिम समुदाय से संबंधित होता है, तो उसे कब्रिस्तान में दफन किया जाता है. संस्था का मकसद यही है कि हर आत्मा को सम्मान और शांति मिले, चाहे उसका कोई अपना हो या न हो.
सच्ची मानवता की सेवा
संस्था से जुड़े समाजसेवी सुनील जैन का कहना है कि मृत्यु जीवन का सच है और हर किसी को सम्मानपूर्वक विदाई मिलनी चाहिए. हमारी संस्था का उद्देश्य यही है कि कोई भी आत्मा बेसहारा न रहे. इस समिति ने अब तक कई लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है और यह नेक काम लगातार जारी है.
समाज के लिए प्रेरणा बनी संस्था
आज के समय में जहां लोग अपने स्वार्थ में लगे रहते हैं, वहीं यह संस्था मानवता का असली मतलब सिखा रही है. समाज में कई बार लोग लावारिस शवों को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह समिति अपने प्रयासों से यह सुनिश्चित कर रही है कि हर मृत आत्मा को सम्मान मिले.
संस्था के प्रमुख सदस्य भूपेंद्र चौहान, सुनील जैन, आशीष चटकले और मुबारिक खान इस कार्य में पूरी श्रद्धा से जुड़े हुए हैं. इनका यह प्रयास न केवल खंडवा, बल्कि आसपास के इलाकों में भी लोगों को इंसानियत और संवेदनशीलता का पाठ पढ़ा रहा है.
