बुमराह हो सकते हैं बाहर, चैंपियंस ट्रॉफी के लीग मैच में खेलना मुश्किल -Report
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Champions Trophy 2025: भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के शुरुआती मुकाबलों से बाहर हो सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई हालिया टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले में वो चोटिल हो गए थे.
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के लिए चैंपियंस ट्रॉफी से पहले चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आ रही है. टीम इंडिया के ट्रॉफी जीतने की उम्मीदों को बड़ा झटका लग सकता है. चोट से उबर रहे स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ग्रुप स्टेज के मैचों से बाहर हो सकते हैं. पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी में खेले गए आखिरी टेस्ट के दौरान उन्हें पीठ में ऐंठन हुई थी जो अभी तक ठीक नहीं हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार बुमराह की पीठ में सूजन है और उन्हें बेंगलुरु के नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है, जहां उनकी रिकवरी पर नजर रखी जाएगी. चैंपियंस ट्रॉफी जिसमें दुनिया की टॉप आठ वनडे टीमें हिस्सा लेंगी. टूर्नामेंट का आगाज 19 फरवरी से होने जा रहा है. भारत के मैच कराची, रावलपिंडी, लाहौर और दुबई में खेले जाएंगे.
जसप्रीत बुमराह को सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन लगी चोट
रिपोर्ट के अनुसार मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर की अध्यक्षता वाली चयन समिति जो 11 जनवरी को मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ घर पर खेली जाने वाली टी20 सीरीज के लिए टीम चुनने के लिए मिली थी उसे बुमराह की फिटनेस स्थिति के बारे में अपडेट किया गया है. आईसीसी ने टूर्नामेंट के लिए टीम चयन की आखिरी तारीख 12 जनवरी रखी है लेकिन बीसीसीआई उसे इसमें छूट दिए जाने की बात की है.
अब चयनकर्ता इस बात को लेकर विचार कर रहे हैं कि बुमराह को 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया जाए या चैंपियंस ट्रॉफी के लिए रिजर्व खिलाड़ियों की सूची में रखा जाए. रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई आईसीसी को एक अस्थायी टीम सौंपेगा. टीमों में बदलाव 12 फरवरी तक किए जा सकते हैं चयनकर्ताओं के पास बुमराह की फिटनेस पर नजर रखने का समय है.
एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “वह (बुमराह) अपनी रिहैब के लिए NCA जाएंगे. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें फ्रैक्चर नहीं है लेकिन उनकी पीठ में सूजन है. NCA उनकी रिकवरी की निगरानी करेगा और वह वहां तीन सप्ताह तक रहेंगे. इसके बाद भी उन्हें एक या दो मैच खेलने होंगे चाहे प्रैक्टिस मैच ही हो. ऐसा करने से उनकी मैच फिटनेस की सही स्थिति का पता चल पाएगा.”