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बाकी का क्या ही… सरकारी दफ्तर में चंदा इकट्ठा करके पानी खरीदने को लोग मजबूर!

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Satna News: सतना के संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. चार वॉटर कूलर में से सिर्फ एक ही काम कर रहा है, जिससे जनता और कर्मचारी परेशान हैं. लोग मजबूरन बाहर से पानी खरीद रहे हैं. टॉयलेट की स्थ…और पढ़ें

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सतना

सतना कलेक्ट्रेट में कर्मचारी चंदा कर मंगा रहे ठंडा पानी, जनता खरीद रही बोतल 

हाइलाइट्स

  • संयुक्त कलेक्ट्रेट में पेयजल संकट गहराया.
  • कर्मचारी चंदा कर ठंडे पानी का जार मंगा रहे हैं.
  • जनता को बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है.

सतना. गर्मी का मौसम शुरू होते ही जिला मुख्यालय के सबसे बड़े सरकारी कार्यालय, संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में पेयजल संकट गहराने लगा है. इस परिसर में 20 से अधिक कार्यालय संचालित होते हैं, जहां हर दिन दूर-दराज से 1,000 से 1,500 लोग काम के लिए पहुंचते हैं. लेकिन भीषण गर्मी में यहां ठंडे पानी की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है. परिसर में चार वॉटर कूलर लगे हैं, मगर इनमें से सिर्फ एक ही ठंडा पानी दे रहा है. जनता और कर्मचारी दोनों को अपनी प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

जनता और कर्मचारी परेशान, बाहर से पानी खरीदने को मजबूर
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में पानी की पर्याप्त सुविधा न होने के कारण लोग बाहर से ठंडी बोतलें खरीदने को मजबूर हैं. यहां कार्यरत 150 से अधिक कर्मचारी भी अपनी जेब से चंदा जुटाकर ठंडे पानी के जार मंगाते हैं. हर दिन 20 से 50 रुपये तक का खर्च उनकी मजबूरी बन गया है. वहीं, आम लोग जो सरकारी काम के लिए यहां आते हैं, उन्हें भी भीषण गर्मी में पानी के लिए भटकना पड़ता है. यह स्थिति तब है जब भवन में पानी के तीन स्रोत—पुराना कुआं, बोर और नगर निगम की सप्लाई मौजूद हैं.

वॉटर कूलर खराब, टॉयलेट की हालत बदतर
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में पहला चालू वॉटर कूलर प्रथम तल पर कार्यालय अधीक्षक के चेंबर के पास और दूसरा पीछे के रास्ते पर स्थित है. ग्राउंड फ्लोर के दो वॉटर कूलर बंद पड़े हैं और नलों की टोंटियां तक गायब हैं. इसके अलावा, टॉयलेट की स्थिति और भी खराब है. टॉयलेट के बाहर बोर्ड पर “थूकने पर 500 रुपये जुर्माना” लिखा है, लेकिन अंदर सिगरेट के धुएं की गंध और खिड़कियों पर गुटखे की पिचकारी साफ नजर आती है. यह स्थिति जिले के सबसे बड़े सरकारी कार्यालय की बदहाली को उजागर करती है.

व्यवस्था पर सवाल, कब होगा सुधार?
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में पानी और स्वच्छता की यह दुर्दशा न केवल कर्मचारियों बल्कि आम जनता के लिए भी परेशानी का कारण बनी हुई है. गर्मी के दिनों में जब पानी की जरूरत सबसे अधिक होती है, तब इस तरह की अव्यवस्था कई सवाल खड़े करती है. क्या जिला प्रशासन इस संकट का समाधान करेगा या लोग इसी तरह प्यासे भटकते रहेंगे?

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बाकी का क्या ही… सरकारी दफ्तर में चंदा इकट्ठा करके पानी खरीदने को लोग मजबूर!

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