बड़ी से बड़ी समस्या से बचाता है 5 जगहों पर आपका मौन, जानें प्रेमानंद महाराज से

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Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के उपदेश जीवन में सरलता, शांति और संतुलन लाने का एक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. मौन का महत्व न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए है, बल्कि यह हमारी मानसिक स्थिति और…और पढ़ें

5 जगहों पर रहें मौन
हाइलाइट्स
- प्रेमानंद जी महाराज के उपदेश जीवन में शांति लाते हैं.
- माला जपते समय मौन रहना चाहिए.
- भोजन करते समय बात नहीं करनी चाहिए.
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज का जीवन और उनके उपदेश लाखों लोगों के लिए मार्गदर्शन का स्रोत रहे हैं. उनके शब्दों में गहरी समझ और जीवन के सरलतम सिद्धांत समाहित हैं. उनकी बातों का पालन करने से न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सही दिशा भी मिलती है. वे हमेशा अपने अनुयायियों को इस बात की सलाह देते थे कि कुछ विशेष स्थानों पर मौन बनाए रखना बेहद जरूरी है. प्रेमानंद जी महाराज का मानना था कि मौन रखना न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह हमारे मानसिक संतुलन को भी बनाए रखता है. यहां हम उन 5 जगहों के बारे में जानेंगे जहां पर प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार मौन बनाए रखना चाहिए:
1. माला जपते समय मौन रखें
प्रेमानंद जी महाराज ने माला जपते समय मौन रहने की महत्ता को स्पष्ट किया. उनका कहना था कि जब हम माला जप रहे होते हैं, तब हमारे मन और विचार पूरी तरह से भगवान के ध्यान में होने चाहिए. अगर हम इस समय किसी से बात करते हैं, तो माला जपने का कोई असर नहीं होता और हमारी मानसिक एकाग्रता भंग हो जाती है. इसलिए माला जपते समय मौन रहकर हम अपने ध्यान को केंद्रित कर सकते हैं और इसका वास्तविक लाभ उठा सकते हैं.
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2. भोजन करते समय मौन रखें
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, भोजन करते समय हमें बात नहीं करनी चाहिए. उनका यह मानना था कि जब हम खाते हैं और बात करते हैं, तो हमारी श्वास नली खुल जाती है, जिससे भोजन को निगलने में परेशानी हो सकती है. इससे न सिर्फ हमें खांसी या दम घुटने की समस्या हो सकती है, बल्कि यह हमारे पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है. इसलिये भोजन के दौरान मौन रहकर हम अपने शरीर की भलाई के लिए एक सकारात्मक कदम उठा सकते हैं.
3. शौच करते समय मौन रखें
आजकल के दौर में हम अक्सर शौच करते वक्त मोबाइल पर बात करते हैं या किसी से बातचीत में मशगूल रहते हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने इस आदत पर गंभीरता से ध्यान दिया और कहा कि शौच करते समय हमें मौन रहना चाहिए. उनका मानना था कि बात करते वक्त कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. शौच के समय एकाग्रता बनाए रखने से न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है.
4. हवन करते समय मौन रखें
हवन और पूजा के समय भी मौन रहने की सलाह दी गई है. प्रेमानंद जी महाराज का मानना था कि हवन के दौरान सिर्फ भगवान की प्रार्थना और ध्यान में डूबे रहना चाहिए. इस दौरान कोई भी व्यर्थ की बातचीत हमारे मानसिक और आध्यात्मिक लाभ को रोक सकती है. हवन का उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करना होता है, और मौन रखकर इस उद्देश्य को और भी अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है.
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5. रास्ते में चलते हुए मौन रखें
हममें से कई लोग रास्ते में चलते हुए भी मोबाइल पर बात करते रहते हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि यह आदत हमारे मानसिक संतुलन और शांति को बिगाड़ सकती है. रास्ते में चलते हुए बातचीत से हमारी ऊर्जा और ध्यान दोनों ही बंट जाते हैं. अगर कोई जरूरी बात करनी हो, तो रुककर बात करना बेहतर होता है, ताकि हम पूरी तरह से वर्तमान क्षण में रहते हुए अपने कार्य को ठीक से कर सकें. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
March 02, 2025, 04:45 IST
