Trending

फौजी राजेश ने पेश की खेती की मिशाल, पपीता उगाकर सालाना 10-15 लाख की कमाई

Last Updated:

Papaya Cultivation: पूर्वी चंपारण के पडौलिया गांव के पूर्व सैनिक राजेश कुमार ने परंपरागत खेती छोड़ पपीता की उन्नत खेती शुरू की. ‘रेड लेडी ताइवान 786’ किस्म से, ड्रिप इरीगेशन और वैज्ञानिक सहायता से कम लागत में 10-15 लाख तक कमाई कर रहे हैं. क्षेत्र…और पढ़ें

X

Rajesh

Rajesh Kumar

 पूर्वी चंपारण. पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी प्रखंड अंतर्गत सूर्यपुर पंचायत के पडौलिया गांव के रहने वाले भारतीय सेना से रिटायर्ड फौजी जो अब किसान हो गए है. किसान राजेश कुमार परंपरागत खेती से इतर पपीता की खेती कर रहें है. इस खेती के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और तकनीक के इस्तेमाल से भूमि को इस तरह से सिंचित किया है कि पपीता का बंपर उत्पादन हो रहा है. आज स्थिति यह है कि नौकरी के पीछे भागने वाले युवा भी किसान राजेश कुमार से मिलकर पपीता की खेती के गुर सीख रहें है.

सेना से रिटायर्ड होने के बाद, खेती करने का निर्णय
लोकल18 से बातचीत में किसान राजेश कुमार बताते हैं कि शुरू से ही खेती-बाड़ी में उनकी रूचि रही है. भारतीय सेना से रिटायरमेंट के बाद खेती करने का निर्णय लिया. उसमें भी परंपरागत खेती से इतर आधुनिक पद्धति से खेती कर रहा हूँ, और लगभग 6 वर्षों से पपीता की खेती कर रहा हूँ .आज इससे अच्छी कमाई कर रहा हूँ. दूर दराज से लोग देखने और खरीदने आ रहें है.युवा यहां खेती के गुर सीखने भी आते है.बीते दिनों डीएम खुद यहां पपीते की खेती देखने आए थे.

जिला उद्यान और कृषि विज्ञान केन्द्र से मिली सहायता 

किसान राजेश कुमार कहते हैं कि पपीता की खेती के लिए जिला उद्यान विभाग (DHO) के द्वारा ‘रेड लेडी ताइवान 786’ किस्म के पपीते का पौधा प्राप्त हुआ. वहीं उद्यान विभाग द्वारा ही ड्रिप इरीगेशन भी उपलब्ध कराया गया. इसमें टेक्निकल सपोर्ट कृषि विज्ञान केंद्र पिपरा कोठी द्वारा उपलब्ध कराया गया वहीं कृषि विज्ञान केंद्र, पीपरा कोठी के वरीय वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार सिंह एवं कृषि विज्ञान केंद्र के  ही अन्य कृषि वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर प्लॉट विजिट करके समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है.

एक एकड़ में 900 पपीते का पौधा लगाया

राजेश कुमार के अनुसार पपीता की खेती के लिए तीन सीजन होते हैं. जिसमें से उन्होंने फरवरी -मार्च का सीजन को चुना. उन्होंने एक एकड़ में पपीता की खेती की है. इसके लिए फरवरी के महीने में ही प्लॉट को तैयार करके लगभग 900 पपीता के पौधा को लगाया. पौधा लगाने के तीसरे-चौथे महीने में पौधे में कली खिलने लगा एवं छठे-सातवें महीने से उत्पादन शुरू हो गया.

 कम लागत में ज्यादा मुनाफा 

किसान बताते हैं कि पपीते की खेती काफी कम लागत में की जा सकती है. जहां तक लागत की बात कर तो खेत की तैयारी करने से लेकर पौधारोपण, खाद, उर्वरक, कंपोस्ट, जुताई आदि से लेकर उत्पादन होने तक कुल खर्च लगभग 50 हजार का आता है.

मौसम की मार, कीट, वायरस से बचाव 

भूतपूर्व सैनिक बताते हैं कि पपीते की खेती करते समय काफी धैर्य का परिचय देना होता है. वहीं फसल पर वाइट फ्लाई कीट, वायरस अटैक एवं बरसात एवं सर्दी से बचाव का भी लगातार ख्याल रखना होता है. इसके लिए लगातार देखभाल की जरूरत होती है. वहीं आवश्यकता अनुसार संरक्षण और उपचार करना होता है. कृषि विज्ञान केंद्र के मदद से पौधे में ट्रैप लगाया गया है जिससे कीड़े इसी में आकर चिपक जाते हैं. इससे कीड़े से बचाव भी हो जाता है और यह भी जानकारी में आ जाता है कि किस प्रकार का कीड़ा खेत के आसपास मौजूद है. बरसात के दिनों में देखना जरूरी होता है कि खेत में पानी न लगने पाए.

एक एकड़ से 10-15 लाख की आमदनी संभव 

पपीते की खेती पर आप जितना अधिक ध्यान देंगे फसल का उत्पादन उतना ही अच्छा होगा. एक एकड़ पपीते की खेती से लगभग 10-15 लाख तक का आमदनी किया जा सकता है. पपीते का डिमांड बहुत ज्यादा है, कई बार उतना आपूर्ति भी नहीं हो पाता. इनके पपीते की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि पपीता को किसी भी केमिकल द्वारा नहीं पकाते हैं बल्कि पपीता के पौधे में ही पपीता पकने के बाद ही उसका हार्वेस्टिंग करते हैं. प्राकृतिक ढंग से पके पपीता में मार्केट में उपलब्ध अन्य पपीता की तुलना में स्वाद अलग होने के कारण इसका डिमांड ज्यादा रहता है.

इंटर क्रापिंग से भी लाभ

किसान राजेश बताते हैं कि पपीते का पौधा लगाने के बाद आप इसके साथ अदरक, बकला एवं गेंदा फूल की भी खेती करता हूँ. और पपीते का उत्पादन होने तक बाकी के खेती से भी अच्छा मुनाफा कमा लेते है.

पपीते का स्वाद एवं स्टोरेज क्षमता 

किसान बताते हैं कि पपीता का स्वाद काफी अच्छा है. वहीं एक बार पपीता पककर तैयार हो जाने एवं हार्वेस्टिंग होने के बाद इसको 10 दिनों तक स्टोरेज कर सकते हैं. स्वाद एवं स्टोरेज क्षमता के कारण ही दूर-दराज के व्यापारी इस किस्म के पपीता को खरीदना एवं बेचना पसंद करते हैं.

पपीता के खेती के लिए युवाओं को कर रहें हैं प्रेरित   

किसान राजेश कुमार बताते हैं कि पिछले छः साल में पपीता की खेती से प्राप्त अनुभव के आधार पर पपीता का प्लांट अपनी नर्सरी में तैयार कर रहे हैं. इच्छुक किसानों एवं युवाओं को इस खेती से सीख लेकर पपीता की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. इसको लेकर वह उनके बीच अपने अनुभव को भी साझा करते हैं. किसान बताते हैं कि एग्रीकल्चर में आधुनिक वैज्ञानिक सोच के समावेशन होने के कारण अब युवा खेती किसानी से जुड़कर भी आत्मनिर्भर हो सकते हैं. आज राजेश के कारण ही 25 एकड़ का क्लस्टर पड़ौलीया गांव को मिला है, जिसके तहत प्रति किसान को 1 लाख तक का अनुदान खेती के लिए मिलने वाला है.

homeagriculture

फौजी राजेश ने पेश की खेती की मिशाल, पपीता उगाकर सालाना 10-15 लाख की कमाई

source

yashoraj infosys : best web design company in patna bihar
yashoraj infosys : best web design company in patna bihar

viral blogs

About Author

You may also like

Trending

नासिक में ट्रक और टेंपो में जोरदार टक्कर, 8 लोगों की मौत, कई घायल

Last Updated:January 12, 2025, 23:34 IST Road Accident: नासिक में एक भीषण रोड एक्सीडेंट में 8 लोगों की मौत हो
Trending

रोहिड़ी महोत्सव: राजस्थानी परंपरा, विरासत और पर्यटन को नई ऊंचाई देने का माध्यम

Last Updated:January 13, 2025, 00:09 IST Music Festival: ‘द रोहिड़ी’ महोत्सव का आयोजन सीमावर्ती रोहिड़ी में किया जाना था, लेकिन