Lifestyle

प्रीमेच्योर बर्थ का कारण बन सकता है प्लास्टिक पल्यूशन, नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

<p style="text-align: justify;">प्रीमेच्योर बर्थ और माइक्रोप्लास्टिक पॉल्यूशन के बीच एक खासा कनेक्शन है. हाल ही में हुए रिसर्च में खुलासा हुआ है कि प्लास्टिक पॉल्यूशन और समय से पहले जन्मे बच्चे के बीच एक खास कनेक्शन है. जिसके कारण आने वाले समय में इस पर चिंता जताई गई है. इस रिसर्च में साफ कहा गया है कि जिसे हम मामूली कण समझते हैं वह एक छोटा सा कण किस तरह से दिन पर दिन हमारे ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित कर रहा है. रिसर्चर ने पाया कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों के प्लेसेंटा में माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक के कण मिले हैं. जिसके कारण इस तरह की परेशानी होती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सोसायटी फॉर मैटरनल-फेटल मेडिसिन</strong></p>
<p style="text-align: justify;">डेनवर में सोसायटी फॉर मैटरनल-फेटल मेडिसिन की सलाना बैठक में प्रस्तुत किए गए इस शोध में गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं में प्लास्टिक प्रदूषण की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं. शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए ह्यूस्टन एरिया में जन्मे प्रीमेच्योर बच्चों को शामिल किया (औसतन 37.2 सप्ताह) से 100 प्लेसेंटा और समय से पहले जन्म (34 सप्ताह) से 75 प्लेसेंटा का विश्लेषण किया. समय से पहले जन्मे प्लेसेंटा में टिश्यूज के प्रति ग्राम 203 माइक्रोग्राम प्लास्टिक (माइक्रोग्राम/जी) पाया गया. जो कि पहले जन्में प्लेसेंटा में 130 माइक्रोग्राम/जी से 50 प्रतिशत अधिक है.</p>
<p style="text-align: justify;">अध्ययन में इस बात पर खासा ध्यान रखा गया कि कम से कम 12 तरह के प्लास्टिक का पता पीईटी के साथ लगाया गया. बोतलों में इस्तेमाल होने वाला एक प्रकार का प्लास्टिक, पीवीसी, पॉलीयुरेथेन और पॉलीकार्बोनेट समय से पहले जन्मे प्लेसेंटा में पाए जाने वाले सबसे आम प्रकार के माइक्रोप्लास्टिक हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">वैज्ञानिकों के अनुसार लोगों के ब्रेन में करीब 0.5 पर्सेंट माइक्रोप्लास्टिक जमा हो चुकी है. ह्यूमन बॉडी में पहुंच रहे माइक्रोप्लास्टिक का सेहत (Health) पर काफी खतरनाक असर पड़ सकता है. आइए जानते हैं माइक्रोप्लास्टिक का सेहत पर असर (Effects of microplastics on health) और नई रिसर्च में क्या पता चला है…</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ब्रेन में जमा हो रहा है माइक्रोप्लास्टिक</strong><br />सीएनएन में आई की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में रिसर्चस ने डेडबॉडी के परीक्षण में ह्यूमन ब्रेन के कई सैंपल लिए थे और फिर इसमें माइक्रोप्लास्टिक को लेकर रिसर्च की. इस रिसर्च में पता चला कि 8 साल पहले लिए गए सैंपल की तुलना में ह्यूमन ब्रेन में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा 50 प्रतिशत ज्यादाो चुके हैं. रिसर्च में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि जिनकी औसत उम्र 45 या 50 वर्ष थी, उनके ब्रेन टिश्यूज में प्लास्टिक कंसंट्रेशन 4800 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम यानी वजन के हिसाब से 0.5% थी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कहां कहां मिले माइक्रोप्लास्टिक</strong><br />इस संबंध में अब तक हुए स्टडीज से पता चला है कि माइक्रोप्लास्टिक &nbsp;ह्यूमन बॉडी में हार्ट, ब्लड स्ट्रीम, लंग्स, लिवर, प्राइवेट पार्ट से लेकर प्लेसेंटा तक में जमा हो रहे हैं. आज के जीवन मं प्लास्टिक से बचना मुश्किल है. &nbsp; स्मार्टफोन या कंप्यूटर से लेकर &nbsp;आम जरूरत की चीजों में प्लास्टिक होता है. हालांकि प्लास्टिक की थैलियां और बोतलों से बचा जा सकता है. रिचर्स में ब्रेन टिश्यूज के नमूने फ्रंटल कॉर्टेक्स से लिए गए थे. यह सोच और तर्क से जुड़ा हिस्सा होता है और डिमेंशिया और अल्जाइमर में सबसे अधिक प्रभावित होता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;<a title="एनर्जी का पावर हाउस है दूध-मखाना, रोज खाना शुरू कर दें तो नहीं होंगे ये दिक्कतें" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/milk-and-makhana-are-a-nutritious-combination-that-can-provide-long-lasting-energy-2876549" target="_self">एनर्जी का पावर हाउस है दूध-मखाना, रोज खाना शुरू कर दें तो नहीं होंगे ये दिक्कतें</a></strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>माइक्रोप्लास्टिक का सेहत पर असर</strong><br />माइक्रोप्लास्टिक के ह्यूमन बॉडी के अंगों में जमा होने से सेल्स के डैमेज होने और सूजन का खतरा बढ़ जाता है. माइक्रोप्लास्टिक्स अंत:सावी कार्यों को बाधित कर सकता है, जिससे हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है. इनमें मौजूद कैमिकल्स कैंसर, प्रजनन संबंधी समस्याओं और विकास संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं. माइक्रोप्लास्टिक आंत में गड़बड़ी कर सकता है, पाचन और प्रतिरक्षा को खराब कर सकता है.</p>
<p><strong>Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि&nbsp;<span class="skimlinks-unlinked">ABPLive.com</span>&nbsp;किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.</strong></p>
<p><strong>ये भी पढ़ें:<a href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/habit-of-washing-hands-frequently-is-good-or-bad-know-the-answer-2875630">क्या आपको भी लग गई है बार-बार हाथ धोने वाली आदत? जान लें ये कितना सही</a></strong></p>
source

yashoraj infosys : best web design company in patna bihar
yashoraj infosys : best web design company in patna bihar

viral blogs

About Author

You may also like

Lifestyle

क्या होता है कोडीन जिससे बनी कफ सिरप के रैकेट का हुआ पर्दाफाश, जानें सेहत के लिए हो सकता है कितना खतरनाक

Cough Syrup Banned: एक बार फिर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली कफ सिरप का खुलासा हुआ है. महाराष्ट्र के ठाणे
Lifestyle

भारत के इस राज्य ने दुनिया में जमाई धाक, बना वर्ल्ड का बेस्ट ट्रैवल डेस्टिनेशन

भारत के इस राज्य ने दुनिया में जमाई धाक, बना वर्ल्ड का बेस्ट ट्रैवल डेस्टिनेशनsource yashoraj infosys : best web