परवेश वर्मा को किस बात का डर? पत्नी स्वाति सिंह से भी भरवाया पर्चा
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Delhi Chunav 2025: अरविंद केजरीवाल की सीट पर परवेश वर्मा तो कैंडिडेट हैं ही उन्होंने अपनी पत्नी स्वाति सिंह से भी पर्चा दाखिल करवाया है. इसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है.
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परवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट पर अपनी पत्नी स्वाति सिंह का भी पर्चा दाखिल करवाया है. (File Photo)
परवेश वर्मा को बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है. लेकिन इसी बीच बुधवार को उनकी पत्नी स्वाति सिंह ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया. अब अरविंद केजरीवाल के सामने दोनों पति-पत्नी कैंडिडेट होंगे. लेकिन इसके पीछे एक कहानी है. सुबह स्वाति सिंह ने पर्चा भरा और शाम होते-होते खबर आई कि परवेश वर्मा के खिलाफ चुनाव आयोग ने केस दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. उन पर लोगों को जूते-पैसे बांटने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. तो क्या परवेश वर्मा ने स्वाति सिंह को बैकअप कैंडिडेट के रूप में पर्चा दाखिल करवाया है?
पर्चा दाखिल करने के बाद स्वाति सिंह ने खुद कहा कि उन्होंने बैकअप कैंडिडेट के रूप में यह पर्चा भरा है. जैसे ही पति परवेश वर्मा का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा, वे अपना नाम वापस ले लेंगी. परवेश वर्मा के जूते बांटने पर स्वाति सिंह ने कहा- वे महिलाओं का सम्मान करते हैं. आम आदमी पार्टी गलतबयानी कर रही है. परवेश वर्मा ने केजरीवाल पर निशाना साधा. कहा-अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वालों को लूटा और उनके सपने बेचने का काम किया है. उन्होंने दिल्ली को बर्बाद किया है. आज दिल्ली में इतना प्रदूषण है, सांस लेने के लिए हवा नहीं है, पीने के लिए यमुना में शुद्ध पानी नहीं है.
क्या है पूरा खेल
बीजेपी नई दिल्ली विधानसभा सीट हर हाल में जीतना चाहती है. उसने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. सीनियर लीडर्स को मैदान में उतार दिया है, तो पार्टी के रणनीतिकार एक-एक मुहल्ले पर नजर बनाए हुए हैं. अरविंद केजरीवाल का आरोप तो यहां तक है कि बीजेपी ने 6 फीसदी वोट कटवा दिए हैं और 13000 से ज्यादा नए वोटर्स बनवा दिए हैं. ये वो वोटर्स हैं, जिन्हें यूपी बिहार से लाया गया है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के घर 10-10, 20-20 लोगों के वोट बनाए जा रहे हैं.
परवेश वर्मा को डर क्यों
1. बीजेपी को डर है कि अगर सारी कोशिशों के बाद भी कहीं वजहों से परवेश वर्मा का नामांकन रद्द हो गया तो बीजेपी की सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा. इसलिए स्वाति सिंह को बैकअप कैंडिडेट के रूप में पर्चा दाखिल कराया गया है, ताकि परवेश वर्मा का नामांकन खारिज होने की स्थिति में स्वाति सिंह को कैंडिडेट के रूप में बनाए रखा जाए.
2. एक दूसरी वजह है. चुनाव आयोग ने परवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. उन पर वाल्मीकि मंदिर में वोटरों को जूते बांटने का आरोप लगा है. आयोग ने कहा-अगर ऐसा हुआ है तो यह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला हो सकता है. 1951 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (1) (A) के तहत अगर कैंडिडेट या उनके एजेंट किसी को गिफ्ट देते हैं, किसी तरह का वादा करते हैं या कुछ बांटते हैं तो यह भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है. हालांकि, ऐसे मामलों में कैंडिडेट का नामांकन रद्द नहीं होता.
New Delhi,New Delhi,Delhi
January 16, 2025, 05:01 IST
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