न मचेगी भगदड़…ना ही खोने का डर! कुंभ में नेपाल के लोगों का धांसू जुगाड़
Agency:News18 Uttar Pradesh
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महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ा. नेपाल से आए श्रद्धालुओं ने रस्सी की ट्रेन बना ली है, जिसके अंदर सारे लोग एक साथ चलते हुए नजर आ रहे हैं.
एक साथ चल रहे लोग
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा है. 4000 हेक्टेयर में फैले इस महाकुंभ में हर ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. अपनी टोलियों से बिछड़ने से बचने के लिए भक्त अनोखे तरीके अपना रहे हैं. कुछ श्रद्धालु रस्सी पकड़कर रेलगाड़ी की तरह चलते दिखे, तो कुछ अपने झुंड की पहचान के लिए झंडे और निशान लेकर आगे बढ़ रहे हैं.
नेपाल से आए श्रद्धालुओं ने रस्सी की ट्रेन बना ली है, जिसके अंदर सारे लोग एक साथ चलते हुए नजर आ रहे हैं. तो वहीं कुछ श्रद्धालु अपने हाथ में अलग-अलग तरह के झंडे या निशान लटका के आगे बढ़ रहे हैं. जिससे उनके दल में आने वाले लोग किसी भी हाल में पीछे ना छूट जाए अगर छूट भी जा रहे हैं तो इस झंडे को देखते हुए वह उन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
नेपाल के श्रद्धालुओं ने राष्ट्रीय ध्वज को बनाया पहचान
महाकुंभ में नेपाल के बीरगंज से आए श्रद्धालुओं ने अपने दल की पहचान के लिए एक खास तरीका अपनाया—उन्होंने बस के ऊपर नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज लगा लिया. नेपाल के दीपक प्रसाद साह ने बताया कि वे 12 साल पहले भी महाकुंभ में आए थे, और इस बार उन्हें व्यवस्थाओं में काफी सुधार देखने को मिला. उन्होंने कहा, “हम अपने देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए आगे बढ़ रहे हैं. हमारे साथ आए 850 श्रद्धालु इसी निशान को देखकर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं, जिससे कोई भी दल से बिछड़ने न पाए.”
व्यवस्थाओं से संतुष्ट नेपाल के श्रद्धालु
नेपाल के ही उमेश गिरी बाबा ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है और दोनों देशों में त्योहारों को समान रूप से धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि वे तीन दिन तक प्रयागराज में रुकेंगे और उनके समूह के सभी 850 श्रद्धालु 9 बसों से यहां पहुंचे हैं. खास बात यह रही कि ये सभी श्रद्धालु अनुशासन में रहकर संगठित रूप से महाकुंभ में आगे बढ़ते नजर आए. महाकुंभ 2025 में आस्था और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है, जहां हर ओर भक्तिभाव, अनुशासन और व्यवस्थाओं की झलक दिखाई दे रही है.
Allahabad,Uttar Pradesh
January 29, 2025, 14:18 IST