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नेतन्याहू गए ट्रंप से मिलने अमेरिका, इधर ईरान ने स्पेस में कर दिया नया 'धमाका'

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Iran Satellites: ईरान ने अपने देश में बने तीन सैटेलाइट को लॉन्च कर साबित कर दिया है कि वह क्या कुछ करने का माद्दा रखता है. ये तीनों ही सैटेलाइट ईरान को न सिर्फ जंग के हालात में मदद करेंगे, बल्कि वहां के नागरिको…और पढ़ें

नेतन्याहू गए ट्रंप से मिलने अमेरिका, इधर ईरान ने स्पेस में कर दिया नया 'धमाका'

ईरान ने स्पेस की दुनिया में नई छलांग लगाई है. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • ईरान ने तीन नए स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए.
  • नवाक-1 संचार उपग्रह, पारस-2 रिमोट-सेंसिंग उपग्रह हैं.
  • ईरान ने 20 मार्च से पहले दो और प्रक्षेपण की योजना बनाई.

तेहरान. इजरायल और हमास में सीजफायर होने के बावजूद हालात ज्यादा नहीं सुधरे हैं. एक तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू व्हाइट हाउस के लिए रवाना और वहीं ईरान ने एक नया धमाका कर दिया. उसने स्पेस की दुनिया में अपना लोहा मनवाया है.

दरअसल, ईरान ने अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर तीन नए स्वदेशी उपग्रहों को दुनिया के सामने पेश किया. यह समारोह तेहरान में आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री सैय्यद सत्तार हाशमी, कैबिनेट के अन्य सदस्य, अधिकारी और सैन्य कमांडर शामिल हुए. इन तीन उपग्रहों के नाम नवाक-1, पारस-2 और पारस-1 (एडवांस मॉडल) हैं.

नवाक-1 एक संचार उपग्रह है, जिसे ईरानी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने विकसित किया है. इसे जल्द ही स्वदेशी सिमोर्ग प्रक्षेपण यान से लॉन्च किया जाएगा. यह उपग्रह दीर्घवृत्तीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा और इसका वजन लगभग 34 किलोग्राम है. इसमें ब्रह्मांडीय किरणों को मापने के लिए एक डोसिमेट्री पेलोड और पृथ्वी के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र को मापने के लिए एक मैग्नेटोमीटर सेंसर लगा है.

पारस-2 एक रिमोट-सेंसिंग उपग्रह है, जिसका वजन 150 किलोग्राम है. यह दो स्वदेशी रैखिक स्थिति सेंसर और दो इमेजिंग पेलोड से लैस है. यह उपग्रह पर्यावरण निगरानी, वानिकी, प्राकृतिक आपदा प्रतिक्रिया और शहरी प्रबंधन जैसे कार्यों में उपयोग किया जाएगा. इसमें एक प्रोपेलर भी लगा है, जिससे यह अपनी स्थिति को नियंत्रित कर सकता है.

पारस-1 का उन्नत मॉडल भी एक रिमोट-सेंसिंग उपग्रह है, जिसका वजन 150 किलोग्राम से कम है. इसमें तीन इमेजिंग पेलोड हैं—मल्टीस्पेक्ट्रल, शॉर्ट-वेव इंफ्रारेड और थर्मल इंफ्रारेड. यह उपग्रह गैलियम आर्सेनाइड सौर कोशिकाओं से ऊर्जा प्राप्त करता है. पारस-1 का पहला मॉडल, जिसका वजन 134 किलोग्राम था, 29 फरवरी 2024 को रूसी सोयुज रॉकेट से लॉन्च किया गया था.

ईरानी रक्षा मंत्री अजीज नसीरज़ादेह ने घोषणा की कि देश 20 मार्च से पहले दो और अंतरिक्ष प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है. इससे पहले, 27 सितंबर 2024 को, ईरान ने नूर-3 नामक इमेजिंग उपग्रह को पृथ्वी से 450 किमी की ऊंचाई पर स्थापित किया था.

इस साल की शुरुआत में, ईरान ने सिमोर्ग प्रक्षेपण यान से महदा रिसर्च सैटेलाइट को भी अंतरिक्ष में भेजा था. महदा का वजन 32 किलोग्राम है और इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में नई तकनीकों का परीक्षण करना और स्वदेशी प्रणालियों की विश्वसनीयता को सत्यापित करना है. ईरान लगातार अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ा रहा है और स्वदेशी तकनीक के जरिए नए उपग्रह विकसित कर रहा है.

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