निलेश भईया ने कह दी वो बात, जिसे सुनने को तरस गए थे निवेशकों के कान!

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कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी निलेश शाह का मानना है कि हालिया बिकवाली के बाद अब लॉन्ग टर्म निवेशक चुनिंदा क्वालिटी स्टॉक को खरीदना शुरू कर सकते हैं. हालांकि शाह ने आगाह किया कि आने वाले महीनों का आउटलुक पूरी तरह …और पढ़ें

करीब 5 लाख करोड़ का फंड संभलते हैं निलेश शाह
नई दिल्ली. भारत के शेयर बाजारों में बीते कई महीनों से गिरावट का दौर जारी है. निवेशकों में बीच कोहराम मचा है. इस बीच कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Kotak AMC) के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह का मानना है कि हालिया बिकवाली के बाद अब लॉन्ग टर्म निवेशक चुनिंदा क्वालिटी स्टॉक को खरीदना शुरू कर सकते हैं और पिछले 6 महीनों के रिटर्न के आधार पर मार्केट व्यू नहीं बनाना चाहिए.
निलेश शाह ने 4 मार्च को सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत के दौरान कहा, “निफ्टी अपने ऐतिहासिक एवरेज वैल्यूएशन से थोड़ा नीचे ट्रेड कर रहा है. यह एक फेयर वैल्यू वाला बाजार है. पिछले समय की एक्सेस को ठीक कर दिया गया है और अब शायद यह लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए खरीदारी शुरू करने का समय है.”
आने वाले महीनों का आउटलुक पूरी तरह से साफ नहीं
शाह ने आगाह किया कि आने वाले महीनों का आउटलुक पूरी तरह से साफ नहीं है. अगर एफपीआई आक्रामक रूप से बिकवाली कर रहे हैं, तो निस्संदेह, खरीदार कम और कम कीमतों पर खरीदते रहेंगे. जब तक वे बेच रहे हैं, हमें लगता है कि बाजार स्थिर नहीं हो पाएंगे.”
शाह ने कहा, “चलती ट्रेन के सामने कभी खड़े मत हो… यह आपका मौका है जमा करने का, न कि आज ही सब कुछ खरीदने का.” निलेश शाह ने कुछ संभावित कारण बताए जिनकी वजह से एफपीआई सेलर्स बन गए. एक कारण सितंबर और फिर दिसंबर 2024 में जारी जीडीपी ग्रोथ के डेटा से निराशा हो सकती है. दूसरे और तीसरे तिमाही में कॉर्पोरेट अर्निंग भी उम्मीद से कम रही, जिससे वैल्यूएशन को सही ठहराना मुश्किल हो गया.
अमेरिका के चलते भी इमर्जिंग मार्केट्स में आउटफ्लो
शाह ने बताया, ”अमेरिकी राष्ट्रपति की ‘मेक अमेरिका ग्रेट एगेन’ की बात ने सभी इमर्जिंग मार्केट्स से पैसा खींच लिया है. हर इमर्जिंग मार्केट्स आउटफ्लो का सामना कर रहा है. चीन ने अक्टूबर 2024 के बाद से डेटा प्रकाशित नहीं किए हैं. इसलिए, हमें नहीं पता कि वे इनफ्लो कर रहे हैं या आउटफ्लो. लेकिन अगर कोई आंकड़े प्रकाशित नहीं कर रहा है, तो आपकी अटकलें मेरी तरह ही सही हो सकती हैं.”
डोमेस्टिक या ग्लोबल निवेशकों के लिए समान व्यवहार जरूरी
जब उनसे पूछा गया कि क्या बिकवाली को रोकने के प्रयास में कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव करना एक समझदारी भरा कदम होगा?, नीलेश शाह ने कहा, “एक निवेशक निवेश करता है, चाहे वह डोमेस्टिक हो या ग्लोबल और हमें उन्हें समान रूप से व्यवहार करना चाहिए.” इस बीच एफपीआई के लिए टैक्स को कम करने की मांगें हैं. विदेशी निवेशक भी टैक्सेशन में स्थिरता की उम्मीद कर रहे हैं.
टैक्स में कमी रिटर्न की गारंटी नहीं
नीलेश शाह ने कहा, ”टैक्स में कमी रिटर्न की गारंटी नहीं है. हमें अर्निंग ग्रोथ और गवर्नेंस पर फोकस करना चाहिए. भारत ने सभी इमर्जिंग मार्केट्ल की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है. हमने चीन, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका से बेहतर रिटर्न दिया है. हां, पिछले 7 महीने खराब रहे हैं, लेकिन लोगों ने यहां पैसा कमाया है, और उस पैसे पर वे टैक्स चुका रहे हैं. इसलिए, यह आसान उत्तर जवाब नहीं है.”
New Delhi,Delhi
March 04, 2025, 16:17 IST
