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नाक-कान छिदवाने के बाद अपनाएं ये पहाड़ी नुस्खा,चुटकियों में गायब हो जाएगा दर्द

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Health Tips: अगर नाक या कान छिदवाने के बाद संक्रमण और दर्द हो तो हम घरेलू उपाय अपना सकते हैं. क्योंकि घरेलू उपाय से हमे तुरंत राहत मिल सकती है. उत्तराखंड के बागेश्वर के पहाड़ी इलाकों में आज भी ज्यादा से ज्यादा …और पढ़ें

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ओस

ओस के फायदे 

हाइलाइट्स

  • नाक-कान छिदवाने के बाद दर्द में ओस की बूंदें लगाएं.
  • ओस में प्राकृतिक तत्व दर्द और एलर्जी कम करते हैं.
  • उत्तराखंड में ओस का उपयोग पारंपरिक उपचार है.

बागेश्वर: उत्तराखंड के बागेश्वर जैसे पहाड़ी इलाकों में कई प्रकार के घरेलू नुस्खे आजमाएं जाते है. यह घरेलू नुस्खे वास्तव में कारगर भी साबित होते हैं. पहाड़ में मौजूद पेड़-पौधों में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं. जो बीमारियों और दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं. एक ऐसा ही घरेलू नुस्खा आज हम आपके लिए लेकर आए हैं. यह घरेलू नुस्खा खासतौर पर नाक-कान छिदवाने वाली लड़कियों के लिए कारगर साबित हो सकता हैं. क्योंकि अक्सर कान-नाक छिदवाने के बाद दर्द, खुजली या एलर्जी जैसी समस्याएं होने लगती है. ऐसे में पहाड़ों में गिरने वाली ओस आपके काम आ सकती है.

पहाड़ी इलाकों में फेमस है ये नुस्खा

इस समस्या से राहत पाने के लिए एक बेहद आसान और प्रभावी तरीका उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में फेमस है. यह तरीका आपको न केवल दर्द से राहत दिलाने में मदद करेगा. बल्कि ये एलर्जी को भी कम करेगा. अगर आप पहाड़ों में रहते हैं या आपके घर पर किचन गार्डन में जौ, गेहूं या अन्य फसलें हैं, तो आप इस घरेलू नुस्खे का आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं.

कैसे करें इस घरेलू नुस्खे का प्रयोग

बागेश्वर की स्थानीय जानकार सुनीता टम्टा ने लोकल 18 को बताया कि सुबह के समय जब ओस की बूंदें पौधों पर जमी होती हैं, तो उन ओस की बूंदों को एकत्र कर लें. क्योंकि ओस असल में कई प्राकृतिक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें कई गुणाकारी तत्व मौजूद होते हैं. अब इस ओस को अपने नाक और कान के आसपास लगाएं. यह तरीका बिल्कुल ही आसानी है, लेकिन बेहद प्रभावी तरीका है.

उत्तराखंड में इस तरीके को खूब अपनाया जाता है. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आज भी पुराने और प्राकृतिक उपचारों का महत्व है. यदि आपने हाल ही में नाक या कान छिदवाए हैं और आपको एलर्जी, दर्द या खुजली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो इस प्राकृतिक तरीके को आजमाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. यह न केवल प्रभावी है, बल्कि इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं.

जानें क्यों है ये तरीका असरदार?

उत्तराखंड के लोगों का यह घरेलू नुस्खा इसीलिए असरदार है, क्योंकि ओस में प्राकृतिक रूप से जल, खनिज और औषधीय गुण होते हैं. जो त्वचा पर लगाने से सूजन, खुजली और एलर्जी को शांत करने में मदद करते हैं. इसके अलावा ओस में मौजूद ताजगी और शुद्धता त्वचा को एलर्जी से राहत पहुंचाती है. असहनीय दर्द को कम करने में मदद करती है.

कान और नाक की एलर्जी के लिए है फायदेमंद

इसके उपयोग से न केवल आपके कान और नाक की एलर्जी ठीक हो जाएगी. बल्कि इस तरीके से आपको अन्य स्किन संबंधी परेशानियों से भी राहत मिल सकती है. यह नुस्खा पूरी तरह से प्राकृतिक है. जिससे कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं. इसलिए अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं, जहां यह ओस आसानी से मिलती है, तो यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है.

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