धर्म प्रवाह: हिंदुत्व और सनातन धर्म में क्या अंतर है, जानें शैलशानंद गिरी जी महाराज से
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में संत-महात्मा और ऋषि-मुनियों का संगम होता है, जो समाज का मार्गदर्शन और व्याप्त समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते थे. आज एबीपी लाइव में महाकुंभ पर विशेष पेशकश हुई. ABP Live के ‘धर्म प्रवाह’ कार्यक्रम में देश के जानमाने संतों ने अपने विचार रखे- आइए जानें.
शैलेशानंद गिरी जी महाराज
शैलेशानंद गिरी जी महाराज ने हिंदुत्व और सनातन धर्म में अंतर बताते हुए कहा कि हिंदुत्व सनातन को ग्रहित करते हुए जीवन जीने की एक पद्दति है. जिसे हम आदि काल से जीते चले आ रहे हैं. वहीं सनातन इस प्रकृति के उदय ये लेकर अंत तक है.
मूर्ति पूजन क्यों करें – मूर्ति पूजा एक प्रारंभिक अवस्था है जिसके जरिए अंदर के ईश्वर को आप बाहर निकालते हैं. मूर्ति पूजा भी उतना महत्व रखती है जो आप ध्यान के अंदर निराकार की पूजा करते हैं. जब हम निराकार को एक आकार (मूर्ति पूजा) देते हैं तो उसे हम अपने ह्रदय से बनाते हैं तो उसकी शक्ति बेहद उच्च हो जाती है. इसलिए मूर्ति पूजा
वेदो, पुराणों और उपनिषद में लिखी बातों में बाहरी मिलावट करेंगे तो वो विष को जन्म देगा. सनातन की वैदिक अवस्थाओं को समझना जरुरी है. सनातन में वो ताकत है कि अगर कभी कोई विधर्मी भी इसकी शक्ति जान ले तो वो भी अपना संप्रदाय छोड़ने कर इसे अपना लेगा.
सनक सनातन प्रभु
सनातन धर्म का कोई अंत नहीं इसे न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी भी अपनाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. इसका उदाहरण हैं सनक सनातन प्रभु, जो सनातन धर्म में के प्रचार के लिए 20 साल से वृंदावन की पावन धरती पर रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब पहली बार उन्होंने भागवद गीता पढ़ी तो उन्हें जीवन की सच्चाई और उसे सार्थक बनाने का राह आसान हो गई. सनातन धर्म वो है जिसे कभी बदला नहीं जा सकता है.
उन्होंने बताया कि आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई पद, पैसो, शोहर के लिए भाग रहा है, इसे पाने के बाद भी व्यक्ति सुखी नहीं है. असली सुख इनके पीछे भागने से नहीं भगवत भक्ति करने से मिलेगा.
गौ पूजा को लेकर सनक सनातन प्रभू ने कहा कि गाय की पूजा सेवा के बिना श्रीकृष्ण की उपासना अधूरी है, क्योंकि श्रीकृष्ण को गायों से बेहद लगाव था.
धर्म कैसे व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला सकता है ?
ईश्वर के प्रति आस्था, ज्ञान और मंत्र जाप व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने में मददगार साबित होता है. आत्म ध्यान और मंत्र जाप युवाओं की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकता है.
धर्म प्रवाह: अनिरुद्ध आचार्य ने महाकुंभ को लेकर दे दिया बड़ा संदेश
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