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देशभर में हैंडबॉल का हब के नाम से मशहूर श्रीगंगानगर का लालगढ जाटान का ग्राउंड

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Sri Ganganagar News: श्री गंगानगर जिले से सटे गांव लालगढ जाटान की, जहां हैंडबॉल के खिलाड़ियों की पौध तैयार होती है. लालगढ़ जाटान का यह हैंडबॉल ग्राउंड देशभर में हैंडबॉल का हब के नाम से मशहूर है.

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लालगढ़

लालगढ़ जाटान राजस्थान में हैंडबॉल के नाम से मशहूर है

देशभर में हैंडबॉल का हब के नाम से मशहूर यह गांव हर घर मे खिलाड़ी पैदा करता है. यहां शायद ही ऐसा घर बचा हो जिसमें है. डबॉल का खिलाड़ी नही हो. यहां हैंडबॉल का जुनून गांव के बच्चे-बच्चे में सवार है. जी हाँ हम बात कर रहे है. श्री गंगानगर जिले से सटे गांव लालगढ जाटान की, जहां हैंडबॉल के खिलाड़ियों की पौध तैयार होती है. लालगढ़ जाटान का यह हैंडबॉल ग्राउंड देशभर में हैंडबॉल का हब के नाम से मशहूर है.

इस गांव के हैंडबॉल के 100 से ज्यादा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं. राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों की यहा गिनती ही नही. एक चलते हुए बच्चे से भी पूछा जाए तो वह यही कहेगा की उसने नेशनल में मैच खेला है. पिछले 25 सालों से यह सिलसिला जारी है. इस हैंडबॉल ग्राउंड पर आकर खिलाड़ी दिन रात कड़ी महेनत करते है जिसका डंका आज देश-प्रदेश में बज रहा है.

100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
डिप्टी कमांडेंट व महाराणा प्रताप सर्वोच्च अवार्ड से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जैन प्रसाद भी इसी गांव से हैं. जैन प्रसाद कहते हैं, मेरे गांव लालगढ जाटान से 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी हैं जो कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय (जूनियर सीनियर) प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं. चार खिलाड़ी एशियाई खेलों में हिस्सा ले चुके हैं. इसके साथ ही दूसरे खिलाड़ी महाराणा प्रताप सर्वोच्च अवार्ड से सम्मानित सूबेदार राकेश सहारण भी इसी गांव से है जो नागपुर में अपनी सेवाएं दे रहे है. इसके साथ ही 150 से ज्यादा खिलाड़ियों ने नेशनल स्तर व राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल किए हैं.

रिछपाल भादू की याद में दिन-रात टूर्नामेंट
हैंडबॉल के कोच रिछपाल भादू का 2002 में निधन हो गया. लेकिन वे अपने पीछे हैंडबॉल की ऐसी पौध छोड़ गए कि आज यह गांव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है. चौधरी रिछपाल भादू की याद में यहां हर साल दिन-रात के टूर्नामेंट आयोजित होते रहतें हैं. जिसमें अन्य जिलों और शहरों की टीमें भी हिस्सा लेने आती हैं. जिला हैंडबॉल संघ का कार्यालय भी यहीं है और जसविन्द्र सिंह गोगी जिला एसोसिएशन हैंडबॉल संघ के जिलाअध्यक्ष है जो की कोच व स्वास्थ्य शारीरिक शिक्षा के अध्यापक भी है.

हैंडबाल ने दी सरकारी नौकरियां
लालगढ़ जाटान के युवाओं को हैंडबाल की वजह से सरकारी नौकरियां भी नसीब हुई हैं. इनकी संख्या एक सौ से ज्यादा हैं. अकेले इस गांव से 40 से ज्यादा शारीरिक शिक्षक हैं. इसके अलावा सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, वायुसेना, नौसना, रेलवे राजस्थान पुलिस आदि में भी गांव के युवा बड़ी संख्या में हैं.

इन शिक्षकों की बदौलत हुआ कमाल
लालगढ़ जाटान में हैंडबाल शुरू करवाने तथा उसके आगे बढ़ाने में दो शिक्षकों के नाम खास तौर पर लिया जाता है. दोनों शिक्षकों ने खुद की जेब से पैसे देकर इस खेल को आगे बढ़ाया. इन शिक्षकों में पहला नाम राजकुमार शर्मा का आता है. जिन्होंने 1986 में हैंडबॉल को छोटे स्तर पर शुरू किया था. इसके बाद 1990 में प्रतियोगिता का दौर शुरू हुआ. 1994 में इसके सुखद परिणाम आने शुरू हुए, जो अनवरत जारी है. दूसरे शिक्षक थे चौधरी रिछपाल भादू. उन्होंने भी हैंडबाल को खूब आगे बढ़ाया व सन 2002 में उनका निधन हो गया.

गांव के युवा हैंडबॉल को मानते है अपनी रोजी रोटी
गांव के युवा हैंडबॉल को अपनी रोजी रोटी मानते हैं. युवाओं का कहना है की आज हैंडबॉल की वजह से वह राजकीय सेवाएं दे रहे है व अपने देश का नाम रोशन व रक्षा भी कर रहे हैं इसी हैंडबॉल के सहारे आज उनके परिवार चल रहे है. वह आगे भी बच्चो को हैंडबॉल खेलने के लिए प्रेरित कर रहे है.

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देशभर में हैंडबॉल का हब के नाम से मशहूर श्रीगंगानगर का लालगढ जाटान का ग्राउंड

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