ड्रोन, AI और हथिनी के दम पर पकड़ा गया खतरनाक बाघ, दुधवा में नए ठिकाने पर छोड़ा

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वन विभाग की सतर्कता और अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग से इस आदमखोर बाघ को सफलतापूर्वक पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया. इससे क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है और वन्यजीव संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण सामने आ…और पढ़ें

आदमखोर बाघ
अतीश त्रिवेदी/ लखीमपुर- लखनऊ के रहमानखेड़ा में करीब 90 दिनों तक आतंक मचाने वाले आदमखोर बाघ को आखिरकार पकड़ लिया गया. इस बाघ को ट्रैंकुलाइज कर पिंजरे में कैद करने के बाद दुधवा नेशनल पार्क की सोनारीपुर रेंज में छोड़ा गया. पिंजरे से निकलते ही बाघ दहाड़ते हुए जंगल में चला गया. वन विभाग के अनुसार, इस बाघ की उम्र करीब तीन-चार साल आंकी गई है.
90 दिनों की मशक्कत के बाद पकड़ में आया बाघ
बाघ के न पकड़े जाने से जहां ग्रामीणों में दहशत का माहौल था, वहीं लगातार कॉम्बिंग और निगरानी कर रही वन विभाग की टीम भी परेशान हो चुकी थी. लेकिन आखिरकार सफलता हाथ लगी और बाघ को सुरक्षित पकड़ लिया गया. बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने 5 जगहों पर AI थर्मल सेंसर कैमरे लगाए थे और 3 थर्मल ड्रोन की मदद से उसकी लोकेशन ट्रैक की गई. वन विभाग ने बाघ को पकड़ने का वीडियो भी बनाया, जो अब वायरल हो रहा है. यह बाघ अब तक 24 पालतू जानवरों को अपना शिकार बना चुका था.
बाघ को पकड़ने में हथिनियों की ली गई थी मदद
बाघ की खोजबीन के लिए ड्रोन कैमरों के अलावा जंगल के घने इलाकों में उसकी सही लोकेशन पता करने के लिए हथिनी डायना और सुलोचना को भी इस अभियान में शामिल किया गया. इन हथिनियों की मदद से बाघ को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा गया.
सीतापुर से होते हुए लखनऊ पहुंचा था बाघ
यह बाघ जंगल से भटककर सीतापुर होते हुए लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में पहुंच गया था. वहां इसे कई बार देखा गया, जिसके बाद वन विभाग ने इसे पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया. करीब तीन महीने तक चले इस ऑपरेशन के बाद आखिरकार बाघ को सफलता पूर्वक पकड़कर दुधवा के सोनारीपुर रेंज में छोड़ दिया गया. जैसे ही पिंजरे का गेट खोला गया, बाघ छलांग मारकर जंगल में गुम हो गया.
Kheri,Uttar Pradesh
March 09, 2025, 16:21 IST
