डिजाइनर जूतियों और बेल्ट के लिए फेमस है यह गांव, देशभर में फैला है कारोबार

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Jaipur Palawala Jatan Village Footwear, Belts Manufacturing Hub: राजस्थान के जयपुर स्थित पालावाला जाटान गांव में जूतियां बनाने का काम सैकड़ों सालों से हो रहा है. यहां के जूते की डिमांड बहुत अधिक रहती है. हाथों …और पढ़ें

जयपुर की स्थापना के दिन बसा था गांव
हाइलाइट्स
- पालावाला जाटान गांव जूतियों के लिए प्रसिद्ध है.
- यहां के कारीगर जूतियां और बेल्ट बनाते हैं.
- कारीगर लाखों रुपए कमाते हैं.
जयपुर. राजधानी जयपुर से 41 किलोमीटर दूर पालावाला जाटान गांव जूती बनाने की कला के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है. यहां की जूती बनाने वाले कारीगर अलग-अलग तरीके की जूतियां बनाते हैं. उनके हाथों से बनाई हुई जूतियां राजस्थान ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी सप्लाई की जाती है. जयपुर के बाजारों में लोग यहां से तैयार माल बेचने जाते तो लोग नाम से ही खरीद लेते हैं. इस गांव में जाने के बाद आसानी से जूती बनाते हुए लोगों को देखा जा सकता है. इस गांव के एक क्षेत्र में केवल जूती बनाने का काम ही किया जाता है.
जयपुर की स्थापना के दिन बसा था गांव
स्थानीय निवासी विकास वर्मा ने बताया कि पालावाला जाटान जयपुर की स्थापना दिवस के दिन ही बना था. यहां पर सबसे पहले पाला (जाट) गोत्र ने आकर घर बनाए थे. इस कारण इस गांव को पालावाला कहा जाता है. इस गांव में आज भी जाट समुदाय की बहुलता अधिक है. यहां पर सबसे पहले जाट समाज के किसानों ने गेहूं की खेती शुरू की थी. यहां पर बहुत बड़े भू-भाग में आज भी गेहूं की खेती होती है. इसके अलावा जूतियां बनाने की कारीगरी इस गांव को अन्य गांवों से अलग बनाती है.
बेल्ट भी बनाते हैं यहां के कारीगर
पालावाला जाटान गांव में जूतियां बनाने के अलावा बेल्ट बनाने का काम भी होता है. बेल्ट बनाने वाले रामधन बताते हैं कि इस गांव में बनने वाले बेल्ट की क्वालिटी सबसे अच्छी होती है, क्योंकि वह बेल्ट बनाने में केवल देसी चमड़े का ही प्रयोग करते हैं. केमिकल वाले चमड़े से बेल्ट नहीं बनाते हैं. देसी चमड़े के बेल्ट की मांग ही सबसे ज्यादा रहती है और यह ज्यादा ड्यूरेबल भी होते हैं. यहां देसी चमड़े के बने बेल्ट में कई बार अलग-अलग डिजाइन भी ऊकेरी जाती है.
जूतियां बनाकर कमा रहे लाखों रुपए
पालावाला जाटान गांव में जूतियां बनाने का काम सैकड़ों सालों से हो रहा है. यहां के जूते की डिमांड बहुत अधिक रहती है. हाथों से बनाए जाने के कारण इनकी बनावट अधिक सुंदर और टिकाऊ होती है. जूती बनाने वाले कारीगर ओमप्रकाश ने बताया कि यहां पर बड़ी मात्रा में जूतियां बनाने का काम किया जाता है. इसलिए, यहां जो भी कारीगर है, बड़े स्तर पर इन्हें बनाने का काम करता है और महीने के लाखों रुपए कमाता है.
Jaipur,Rajasthan
March 11, 2025, 21:10 IST
