Trending

जोधपुर महाराजा,अकूत धन, सोने के खिलौने, विलायती नर्स पर दिल आया, फिर क्या हुआ

Last Updated:

Royal Love Stories: ये रियल स्टोरी उस राजा की है, जिसे दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार किया जाता था. सोना चांदी इतना कि खिलौने तक इसी के होते थे. रानी तो पहले से थी फिर विलायती नर्स की बीवी बनाकर लाया. पॉलि…और पढ़ें

जोधपुर महाराजा,अकूत धन, सोने के खिलौने, विलायती नर्स पर दिल आया, फिर क्या हुआ

हाइलाइट्स

  • जोधपुर के महाराजा हनुवंत सिंह ने तीन शादियां रचाईं, एक विलायती मैम से
  • महाराजा का दिल इंग्लैंड में नर्स सैंड्रा पर आया तो उसे भारत ले आया
  • महाराजा ने एक्ट्रैस जुबैदा से चर्चित शादी की, जिस पर फिल्म भी बनी

ये कहानी जोधपुर के राजघराने की है. जहां बेशुमार धन था. मारवाड़ कहे जाने वाले इस राज्य का क्षेत्रफल आयरलैंड के बराबर था, महाराजा दुनिया के सबसे अमीर लोगों में एक थे. कई करोड़ के तो उनके गहने ही थी. घर में खिलौने तक सोने, चांदी औऱ हीरे के थे. तो ये महाराजा हनवंत सिंह की कहानी है, जिन्होंने जोधपुर में देश की पहले प्राइवेट हवाई पट्टी बनवाई. जादू की कला में पारंगत था वो.

जानी मानी इंटरनेशनल ट्रेवलर और लेखिका 1910 के आसपास जोधपुर आई. उसने जोधपुर के खजाने के बारे में लिखा,

वहां बच्चों के खिलौने थे जो ठोस सोने से बने थे, माणिक से जड़ी नर्सरी बॉल, सभी बर्तन सोने के थे. कीमती पत्थरों से जड़े टेबल सेट थे. तलवारों की मूठ पन्ना, हीरे और मोती से बनी थीं. सोने और चांदी से मढ़ा हुआ फर्नीचर था. हीरे से सिली हुई महिलाओं की जूतियां. बेहतरीन सॉलिटेयर हीरे से बनी एक फैलने वाली टोपी… सोने, चांदी और हीरे का ऐश्वर्य जिधर देखो, उधर महल में बिखरा पड़ा था.

प्रतिभाशाली शासक महाराजा हनवंत सिंह 
महाराजा हनवंत का जन्म 1923 में हुआ. जब वह युवा हुए तो 6 फीट के आकर्षक पुरुष के रूप में ढल चुके थे. उनकी पहली शादी ध्रांगधरा राज्य की राजकुमारी कृष्णा कुमारी से 1943 में हुई. तब वह 24 साल के थे और रानी 16 साल की.  1947 में वह जोधपुर के चौबीसवें राठौर शासक बने. हनवंत असाधारण रूप से प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, उनके पास कई तरह के कौशल थे. वह उत्साही जादूगर भी थे. उन्होंने 600 जादूगरों के जाने माने मैजिक सर्ड क्लब के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करके उसकी सदस्यता पाई थी.

महाराजा ने पहली शादी ध्रांगधरा राज्य की राजकुमारी कृष्णा कुमारी से की थी. (file photo)

राजा को हवाई जहाज उड़ाने का शौक था
राजा हवाई जहाज उड़ाने का शौकीन था. उसके इस शौक पर काफी कुछ लिखा भी गया है. हालांकि इस शौक ने उसकी जान भी ली. इसी राजा ने विलय के समय सरदार वल्लभ भाई पटेल के अफसर वीपी मेनन को हवा में विमान में कलाबाजियां लगाकर डराने की कोशिश की थी.

ब्रिटेन में गोरी नर्स से मिला और प्यार हो गया
महाराजा आजादी से पहले यूरोप जाता रहता था. वहां उसकी मुलाकात इंग्लैंड में सैंड्रा मैकब्राइड नाम की खूबसूरत नर्स से हुई. बस उस पर फिदा ही हो गया. सैंड्रा भी राजा पर मरमिटी. वह रानी को ब्रिटेन से जोधपुर लाया. वहां उसे उम्मेद पैलेस में रखा. इसी लंबे चौड़े पैलेस में उसकी पहली रानी भी रहती थी. लेकिन सैंड्रा से उसने अभी शादी नहीं की. उसका दर्जा रखैल का था. हालांकि ब्रिटेन के मिरर न्यूजपेपर की एक पुरानी रिपोर्ट कहती है कि महाराजा उससे दिल्ली की एक पार्टी में मिला. तब वह 25 साल का छैलछबीला आकर्षक युवक था.

फिर महाराजा को सैंड्रा से प्यार हो गया और उसके लिए पागल ही हो गया. (file photo)

राजमहल ने इस शादी को नहीं माना
सैंड्रा को ये दर्जा बिल्कुल नहीं भाया. वो राजा के पीछे पड़ गई कि या तो शादी करो नहीं तो वो चली वापस लंदन. महाराजा ने उससे जब शादी की तो राजमहल में विस्फोट ही हो गया. उनके रिश्तेदारों और राजमहल के लोगों ने इस शादी मानने से ही मना कर दिया. राजस्थान के अन्य हिंदू राजाओं में भी इस शादी को लेकर नाराजगी थी.

सैंड्रा सुंदरा देवी बन गई लेकिन…
ऐसे में हनवंत सिंह को अपना उम्मीद पैलेस छोड़कर मेहरानगढ़ किले में रहना पड़ा. ये भी बहुत शानदार महल था. सितंबर 1948 में आर्य समाज रीति-रिवाजों के अनुसार सैंड्रा और हनवंत का विवाह हुआ. सैंड्रा ने अपना नाम सुंदरा देवी रख लिया. तब सैंड्रा केवल 19 साल की थी. सैंड्रा ना केवल सुंदर थी बल्कि चतुर भी. लेकिन शादी होते ही पता चला कि हनवंत की भारतीय पत्नी ने महाराजा के उत्तराधिकारी गज सिंह को जन्म दिया. जो बाद में सांसद भी बने.

जब महाराजा जोधपुर हनवंत सिंह और सैंड्रा यानि सुंदरा देवी का तलाक हुआ तो ब्रिटेन के अखबारों में इसे सुर्खियों में छापा. (file photo)

खूब लड़ाइयां होती थीं
इसके बाद महारानी सैंड्रा की हनुवंत से लड़ाइयां शुरू हो गईं. सैंड्रा के बारे में कहा जाता है कि वह काफी गरम दिमाग वाली थी. दोनों के रिश्तों में दरार आने लगी. लिहाजा एक भयंकर लड़ाई के बाद सैंड्रा ने तलाक लिया और वापस ब्रिटेन चली गई. उसे तलाक के एवज में मोटा धन मिला.

हालांकि मिरर की रिपोर्ट कहती है कि महाराजा अक्सर अपनी इस गोरी मैम को लेकर इंग्लैंड और यूरोप के दौरे पर गया, जहां दोनों को सुंदर कपल के तौर पर जाना जाता था.

सैंड्रा वापस ब्रिटेन लौट गई, फिर नहीं की दूसरी शादी
सैंड्रा को ये महसूस होने लगा था कि दूसरी पत्नी के रूप में उसे ज्यादा अधिकार तो नहीं ही मिले, बल्कि महल में फिरंगी महिला के तौर पर वह हमेशा साजिशों का शिकार होती रहती थी. उस पर ये लेबल लग गया कि उसने महाराजा को उनकी असली पत्नी और बेटे से चुराया है.

सैंड्रा बिना देरी किए जोधपुर से इंग्लैंड लौट गईं. वहां उसके पास बहुत धन हो चुका था. उसने फिर नर्सिंग शुरू कर दी. हालांकि कभी दोबारा शादी नहीं की. यकीनन उसे हनवंत से प्यार तो था. 62 साल की उम्र में कैंसर से उसकी मृत्यु हो गई.

फिर महाराजा का दिल बॉलीवुड एक्ट्रैस जुबैदा बेगम पर आ गया. तब महाराजा हनुवंत ने उससे तीसरी शादी रचाई. हालांकि जुबैदा पहले से तलाकशुदा थी. (फाइल फोटो)

फिर महाराजा का दिल एक्ट्रैस जुबैदा पर आया
सैंड्रा से तलाक होने के बाद महाराजा का दिल मुंबई में एक्ट्रेस जुबैदा बेगम पर आ गया. जिस पर श्याम बेनेगल ने जुबैदा के नाम से मूवी भी बनाई. जुबैदा पहले से तलाकशुदा थी. लेकिन उसके और हनवंत के बीच प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि दोनों का एक दूसरे से अलग रहना मुश्किल हो गया. आखिरकर जुबैदा मुस्लिम से हिंदू बन गई. उसके साथ महाराजा ने 17 दिसंबर 1950 को शादी कर ली. इससे एक बेटा हुकुम सिंह राठौर का जन्म हुआ.

शादी के बाद जुबैदा का नाम विद्या रानी रख दिया गया. उसकी पहली शादी से उसका एक बेटा खालिद मोहम्मद था. खालिद पिछले कुछ दशकों से एक प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक रहे हैं. बाद में फिल्म निर्देशक बने. वह मुंबई की फिल्मफेयर पत्रिका के संपादक  भी थे.

महाराजा नहीं चाहते थे भारत में विलय
देश आजाद हो चुका था. राजस्थान की तमाम रियासतों को विरोध के बाद भी भारत में मिलना पड़ा. महाराजा हनुवंत सिंह को भी भारत में मिलना गवारा नहीं था. डोमनिक लेपियर की किताब फ्रीडम एट मिडनाइट कहती है कि महाराजा ने जिन्ना से बात चला रखी थी. ये बात गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को पता चल गई. महाराजा को दिल्ली तलब किया गया. इसके बाद उन्हें विलय पर हस्ताक्षर करने ही पड़े.

हनवंत सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह 1948 में पाकिस्तान संघ में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमति देने ही वाले थे. अगर ऐसा करते तो सभी भारतीयों के लिए खलनायक बन जाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तब जोधपुर 21 राजपूताना राज्यों में सबसे बड़ा हिंदू बहुमत वाला सीमावर्ती राज्य था.

खुद पार्टी बनाकर 1952 का चुनाव लड़ा
वह पहले राजा थे जिन्होंने अपनी पार्टी बनाकर 1952 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा. अपने समर्थकों को चुनाव लड़ाया. 35 उम्मीदवारों में 31 चुने गए. यहां तक ​​कि कांग्रेस के दिग्गज जय नारायण व्यास की भी जमानत जब्त हो गई. हनुवंत सिंह को विधानसभा और लोकसभा दोनों के लिए निर्वाचित घोषित किया गया, लेकिन ये परिणाम जानने के लिए वह जिंदा नहीं रहे. उनके विमान में तोड़फोड़ की आशंका जाहिर की गई.

प्लेन क्रैश में महाराजा के साथ जुबैदा की भी मृत्यु
हालांकि इसके बाद महाराजा ने राजनीति में कूदने का फैसला किया. उन्होंने 1952 लोकसभा का पहला चुनाव लड़ा. चुनाव अभियान से ही वह अपने हवाई जहाज से लौट रहे थे कि उनका प्लेन क्रैश हो गया. वह और प्लेन में उनके साथ मौजूद जुबैदा दोनों की तभी मृत्यु हो गई. हालांकि जुबैदा को भी राजपरिवार ने स्वीकार नहीं किया गया लेकिन उसके बेटे को महारानी ने पाला-पोसा.

जुबैदा के बेटे की रहस्यमय हत्या
बाद में जुबैदा के बेटे की भी महल में रहस्यमय तरीके से हत्या हो गई. आजतक पता नहीं चल पाया कि महल में घुसकर किसने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया. महाराजा हनवंत की मृत्यु के बारे में भी कहा जाता है कि वो एक गहरी साजिश थी.

महाराजा की कहानी किसी फिल्म सरीखी
पोलो खिलाड़ी हनवंत सिंह का जीवन बहुत ही फिल्मी और उतार-चढ़ाव भरा रहा. हालांकि उनकी महारानी कृष्णा कुमारी ने हमेशा शालीनता बनाए रखी. वह 1971 में लोकसभा के लिए भी चुनी गईं. उनके पुत्र और महाराजा गज सिंह द्वितीय भी राज्यसभा के सदस्य (एमपी) थे. राजमाता ने अपने सौतेले बेटे राव राजा हुकुम सिंह (टूटू बाना) और उनके परिवार का भी ख्याल रखा. लेकिन किन लोगों ने हुकुम सिंह की हत्या की, ये आज तक पता नहीं चला. हालांकि उसकी पत्नी राजेश्वरी कुमारी अलवर और दो बच्चे परीक्षित और जयनंदिनी जिंदा रह गए.

homeknowledge

जोधपुर महाराजा,अकूत धन, सोने के खिलौने, विलायती नर्स पर दिल आया, फिर क्या हुआ

source

yashoraj infosys : best web design company in patna bihar
yashoraj infosys : best web design company in patna bihar

viral blogs

About Author

You may also like

Trending

नासिक में ट्रक और टेंपो में जोरदार टक्कर, 8 लोगों की मौत, कई घायल

Last Updated:January 12, 2025, 23:34 IST Road Accident: नासिक में एक भीषण रोड एक्सीडेंट में 8 लोगों की मौत हो
Trending

रोहिड़ी महोत्सव: राजस्थानी परंपरा, विरासत और पर्यटन को नई ऊंचाई देने का माध्यम

Last Updated:January 13, 2025, 00:09 IST Music Festival: ‘द रोहिड़ी’ महोत्सव का आयोजन सीमावर्ती रोहिड़ी में किया जाना था, लेकिन