जीविका से मिला सहारा तो संवर गई इस महिला की जिंदगी, हर माह हो रही अच्छी कमाई

Agency:News18 Bihar
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Incense Stick Business: औरंगाबाद जिले के नबीनगर निवासी राकेश कुमार और अनीता देवी अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय कर रही हैं. इसके लिए 15 दिनों की ट्रेनिंग भी ली और जीविका से दो लाख लोन भी लिया. लोन की राशि से मशीन खर…और पढ़ें

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अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय
हाइलाइट्स
- अनीता देवी ने जीविका से लोन लेकर अगरबत्ती व्यवसाय शुरू किया.
- रोजाना 50 किलो अगरबत्ती बनाकर हर माह 60 हजार कमा रही हैं.
- हनी और मोगरा अगरबत्ती बनाकर आस-पास के बाजारों में सप्लाई करती हैं.
औरंगाबाद. कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है और अगर किसी भी काम को शिद्दत से किया जाए तो कामयाबी जरूर मिलती है. औरंगाबाद जिले के नबीनगर निवासी राकेश कुमार और अनीता देवी ने इसको साबित कर के दिखाया है. दोनों ने मिलकर अगरबत्ती उद्योग शुरू किया और अब हर माह अच्छी कमाई भी कर रही हैं. अगरबत्ती को औरंबाद सहित आस-पास के बाजारों में सप्लाई करती हैं. शरूआत में कठिनाई तो हुई, लेकिन, अपनी और लगन से इस धंधे को नई ऊंचाई पर ले जाने में कमायाब हुई और हर माह सब खर्च काटकर 60 हजार कमाई भी कर रहे हैं.
दो तरह की बनाती हैं अगरबत्ती
बता दें कि साल 2022 में अनीता देवी और राकेश कुमार ने मिलकर अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया था. उनके द्वारा हनी और मोगरा अगरबती का निर्माण किया जाता है. जिसकी बाज़ार में सबसे अधिक कीमत है. अनीता देवी ने बताया कि रोजाना 50 किलो से अधिक अगरबती तैयार कर लेते हैं. इस काम को अंजाम देने के लिए चार से अधिक महिला मजदूरी काम करती है.
जीविका से लिया दो लाख का लोन
उद्यमी राजेश और अनीता देवी ने बताया कि बेरोजगारी के कारण कोई काम नहीं था. राकेश दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे. वहीं अनीता देवी ने जीविका से जुड़कर छोटे-छोटे उत्पाद बनाने का काम सीखा. इस दौरान विभाग के द्वारा महिलाओं को l व्यवसाय के प्रति जागरूकता के लिए 15 दिनों का जिलास्तरीय ट्रेनिंग दिया गया. अनीता देवी ने काफी सोच-विचार कर खुद का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया. इसके बाद जीविका के माध्यम से ही अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग ली. साथ जीविका से ही व्यवसाय शुरू करने के लिए दो लाख का लोन भी लिया.
हर माह हो रही 60 हजार की कमाई
अनीता देवी ने बताया कि लोन लेने के बाद दिल्ली से 1 लाख 30 हजार रुपए की मशीन खरीदा. वहीं पटना से अगरबत्ती के सभी सामान हॉलसेल रेट पर मंगवाया और व्यवसाय की शुरुआत कर दी. देखते ही देखते 3 साल में हर महीने का 60 हज़ार रुपए से अधिक कि कमाई होने लगी. अब रोज़ाना 50 किलों से अधिक अगरबती बनाते हैं और उसे जिल के सभी बाज़ार में हॉलसेल रेट पर बेचते हैं.
Aurangabad,Bihar
February 22, 2025, 16:31 IST
