छोटे शहर धड़ल्ले से यूज कर रहे क्रेडिट कार्ड, खर्च में 175% का उछाल
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वीजा की रिपोर्ट के अनुसार, छोटे शहरों में डिजिटल भुगतान में भारी वृद्धि देखी जा रही है. 2019-2024 के बीच कार्ड खर्च में 175% की बढ़ोतरी हुई है, खासकर ऑनलाइन शॉपिंग, गेमिंग और शिक्षा में. यह डिजिटल क्रांति छोटे शहरों को आर्थिक रूप से सशक्त…और पढ़ें
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छोटे शहरों में क्रेडिट कार्ड से खर्च तेजी से बढ़ा है. (फोटो- hsbc.co.in)
हाइलाइट्स
- छोटे शहरों में कार्ड से खर्च में 175% की वृद्धि.
- कैटेगरी बी और सी+ शहरों में क्रेडिट कार्ड का उपयोग चार गुना बढ़ा.
- गेमिंग पर खर्च 16 गुना और डिजिटल कंटेंट पर 9 गुना बढ़ा.
नई दिल्ली. भारत में डिजिटल पेमेंट्स का दायरा तेजी से बढ़ रहा है, और इसका सबसे बड़ा फायदा नॉन-मेट्रो शहरों को हो रहा है. वीज़ा की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच नॉन-मेट्रो इलाकों में कार्ड खर्च में 175% की वृद्धि दर्ज की गई है. इस बदलाव की वजह डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, उपभोक्ताओं की बदलती आदतें और आय का बढ़ता स्तर है. रिपोर्ट के मुताबिक, कैटेगरी बी और कैटेगरी सी+ शहरों में क्रेडिट कार्ड खर्च में चार गुना उछाल देखा गया है, जो मेट्रो शहरों के मुकाबले कहीं ज्यादा है.
तिरुचिरापल्ली, भुवनेश्वर और जयपुर जैसे कैटेगरी बी शहरों के साथ तिरुपुर और सांगली जैसे छोटे शहर भी इस डिजिटल क्रांति में पीछे नहीं हैं. इन इलाकों में ऑनलाइन शॉपिंग, गेमिंग, यात्रा और ऑनलाइन शिक्षा जैसे क्षेत्रों में खर्च तेजी से बढ़ा है. खासकर कैटेगरी सी+ शहरों में, ऑनलाइन खर्च का हिस्सा 53% से बढ़कर 73% हो गया है. गेमिंग पर खर्च में 16 गुना और डिजिटल कंटेंट खपत में 9 गुना की बढ़ोतरी इस बदलाव की पुष्टि करती है.
वित्तीय समावेशन में बड़ा अवसर
हालांकि डिजिटल पेमेंट्स में उछाल के बावजूद, इन इलाकों में औपचारिक क्रेडिट की पहुंच अब भी सीमित है. 2019 में, कैटेगरी बी+ शहरों में क्रेडिट की पहुंच सिर्फ 10.5% थी, जबकि मेट्रो शहरों में यह आंकड़ा 42.4% था.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक बड़ा अवसर है. छोटे शहरों के उपभोक्ता लचीले ऋण विकल्प, आकर्षक रिवॉर्ड प्रोग्राम और बहुभाषी वित्तीय उत्पादों की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल भुगतान प्रणालियों की उपलब्धता इन इलाकों में वित्तीय समावेशन को और मजबूत कर सकती है.
आने वाले समय में नई संभावनाएं
डिजिटल पेमेंट्स का यह तेजी से बढ़ता रुझान छोटे शहरों को न केवल तकनीकी रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि उनके आर्थिक विकास को भी नई दिशा दे रहा है. वीज़ा की रिपोर्ट यह स्पष्ट संकेत देती है कि भारत के छोटे शहर भविष्य में देश की डिजिटल इकोनॉमी की रीढ़ बन सकते हैं.
New Delhi,Delhi
January 15, 2025, 16:23 IST
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