छत्तीसगढ़ के किसान कर रहे मौसम के अनुकूल आलू की खेती, रेट भी मिल रहा अच्छा…

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Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित इकलौता आलू अनुसंधान केंद्र किसानों को प्रशिक्षण देता है और खरीफ व रवि सीजन में आलू की खेती करता है. यहां विभिन्न प्रजातियों के आलू उगाए जाते हैं.

आलू अनुसंधान केंद्र
छत्तीसगढ़ में बना इकलौता आलू अनुसंधान केन्द्र सरगुजा जिले के बरीमा में स्थित है जहां आलू की अलग-अलग प्रजातियों का विश्लेषण कर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है और आलू की खेती भी की जाती है. इस अनुसंधान केंद्र की खास बात यह है कि यहां साल में दो बार खरीफ और रवि सीजन में आलू की खेती की जाती है और आलू की अलग-अलग प्रजातियां यहां देखने को मिलेंगी.
आलू अनुसंधान केंद्र के प्रबंधक राठिया ने बताया कि सरगुजा संभाग के पहाड़ी क्षेत्रों में दो सीजन में यानी खरीफ सीजन और रवि सीजन में आलू की खेती की जाती है. खरीफ सीजन जुलाई अंतिम से लेकर अगस्त के पहले सप्ताह तक आलू लगाया जाता है, अगर आलू की मुख्य किस्म की बात करें तो दो प्रकार के इस सीजन में आलू लगाए जाते हैं पहला कुरफी ज्योति, दूसरा कुफरी बहार तिसरा कुफरी ख्याति ये तीनों किस्म के आलू की खेती पहाड़ी इलाकों में बरसात के समय में किया जाता है और यह आलू ज्यादातर सफेद होते हैं, और मार्केट में कुफरी ज्योति का रेट सबसे ज्यादा होता है क्वालिटी कि अगर बात करें तो चिल्का डैमेज हल्का मोटा साधारण हो तो रेट में भी इजाफा होता है.
वहीं अगर रवि सीजन की बात करें तो आलू कि खेती सितंबर शुरू से दिसंबर तक लाल आलू की खेती की जाती है जिसमें आलू के अलग-अलग वैरायटी जैसे कुफरी सिंदुरी, कुफरी लालिमा, कुफरी ललित और कुफरी अरुण की खेती की जाती है और उत्पादन भारी मात्रा में किया जाता है, बरसात में आलू अनुसंधान में अनुसंधान कार्य किया जाता है जैसे आलू की कौन-कौन सी किस्म का कितना किसान फायदा ले सकते हैं, किसानों को निर्देशित किया जाता है आलू में कौन से कीड़े लग रहे हैं, या बीमारी लग रही है, इन सब चीजों को बताया जाता है, और आलू अनुकूल रहे इसके बारे में समझाइए दी जाती है ,और अगर औसतन आलू की उपज की बात करें 200 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक यहां उपज किया जाता है.
किसानों को सालाना ₹200000 तक का इनकम हो जाता है, अगर बात करें जुलाई अगस्त में होने वाली खेती की तो उसे समय का रेट बाजार के हिसाब से 50-55 रुपए किलो होता है रवि सीजन में₹40 किलो होता है ,यहां आलू की अलग-अलग वैरियटयों का प्रशिक्षण के बाद किसानों को लगाने हेतु निर्देशित किया जाता है, और आप देख सकते हैं कि अनानास का पेड़ लगा है पतझड़ का सीजन है फिर भी आलू की खेती की गई है क्योंकि ऐसा करने पर आलू अनुकूल रहता है.
Ambikapur,Surguja,Chhattisgarh
March 02, 2025, 20:57 IST
