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चांद के साउथ पोल पर क्यों नहीं उतरा ब्लू घोस्ट? चंद्रयान-3 ने रचा था इतिहास

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Blue Ghost Lunar Lander: फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट मून लैंडर 15 जनवरी 2025 को लॉन्च होकर चंद्रमा के मैरे क्रिसियम क्षेत्र में सफलतापूर्वक उतरा. इसका उद्देश्य नासा के 10 वैज्ञानिक उपकरणों का परीक्षण करना…और पढ़ें

चांद के साउथ पोल पर क्यों नहीं उतरा ब्लू घोस्ट? चंद्रयान-3 ने रचा था इतिहास

ब्लू घोस्ट लैंडर चांद पर नासा के 10 साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लेकर गया है.

हाइलाइट्स

  • ब्लू घोस्ट लैंडर चंद्रमा के मैरे क्रिसियम क्षेत्र में उतरा.
  • नासा के 10 वैज्ञानिक उपकरणों को लेकर चांद पर उतरा है ब्लू घोस्ट.
  • चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कर इतिहास रचा था.

फ्लोरिडा. हाल के वर्षों में, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (Moon South Pole) पर जाने को लेकर बहुत ध्यान दिया गया है, जहां स्थायी रूप से छायादार लुनार क्रेटरों में बर्फ फंसी हो सकती है. चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव भविष्य के क्रूड आर्टेमिस मिशनों और रोबोटिक खोजों के लिए एक रहस्यों से भरा डेस्टिनेशन है. लेकिन ब्लू घोस्ट और इसके साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स का उद्देश्य कहीं और उतरना था, ऐसा नासा के साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. निकोला फॉक्स ने कहा. बता दें कि चांद के साउथ पोल पर उतरने का कारनामा भारत कर चुका है. अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था.

फॉक्स ने सीएनएन से बातचीत में कहा, “चंद्रमा विज्ञान के लिए एक अविश्वसनीय जगह है. हम हर बार एक ही जगह नहीं जाना चाहते क्योंकि हम चंद्रमा के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं. यह छुट्टी पर जाने जैसा है. आप हर बार एक ही जगह नहीं जाना चाहेंगे. जैसे ही हम अंतरिक्ष यात्रियों को वापस भेजने की तैयारी कर रहे हैं, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम सभी चांद के सभी क्षेत्रों को समझें, और हम अभी भी अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसका अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन हम यह भी देख रहे हैं कि सबसे दिलचस्प क्षेत्र कहां हैं.”

फॉक्स ने यह भी बताया कि ब्लू घोस्ट पर सवार 10 इंस्ट्रूमेंट्स “एक सूट की तरह हैं, जो उस क्षेत्र के लिए पूरी तरह से चुने गए हैं जहां हम जा रहे हैं.” ब्लू घोस्ट मिशन एक प्राचीन ज्वालामुखीय फीचर के पास उतरा जिसे मॉन्स लाट्रेल (Mons Latreille) कहा जाता है, जो चंद्रमा के नजर आने वाले चेहरे के सुदूर पूर्वी किनारे पर भूमध्य रेखा के ठीक उत्तर में स्थित है. फॉक्स ने आगे कहा, “आप जानते हैं कि आपकी डिलीवरी सर्विस, आप वह जगह चुनते हैं जहां आप अपना पैकेज भेजना चाहते हैं, और हमने फायरफ्लाई के साथ यही किया.”

15 जनवरी को शुरू हुआ था मिशन
गौरतलब है कि फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट चंद्र लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा के मैरे क्रिसियम क्षेत्र में उतर गया. यह मिशन 15 जनवरी, 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपण के साथ शुरू हुआ और रविवार, को सटीक लैंडिंग के साथ समाप्त हुआ. फायरफ्लाई स्पेस, टेक्सास स्थित एक अमेरिकी निजी क्षेत्र की एयरोस्पेस फर्म है, जो अंतरिक्ष वाहनों के डिजाइन, निर्माण और प्रक्षेपण संचालन से संबंधित है.

ब्लू घोस्ट किस मकसद से चांद पर गया है?
नासा की पोस्ट के अनुसार, कर्मशियल कंपनी के ब्लू घोस्ट चंद्र लैंडर ने नासा के 10 वैज्ञानिक उपकरण और तकनीकी डेमो को सुरक्षित रूप से चंद्रमा पर पहुंचा दिया. नासा के मुताबिक, ब्लू घोस्ट के मिशन के दौरान, एजेंसी के वैज्ञानिक उपकरणों का लक्ष्य चंद्र उपसतह ड्रिलिंग टेक्नोलॉजी, रेगोलिथ नमूना संग्रह क्षमताओं, ग्लोबल नेविगेशन उपग्रह प्रणाली क्षमताओं, विकिरण सहनशील कंप्यूटिंग और चंद्र धूल शमन विधियों का परीक्षण और प्रदर्शन करना है. कैप्चर किए गए डाटा से पृथ्वी पर मनुष्यों को भी लाभ हो सकता है, क्योंकि इससे यह पता चल सकता है कि अंतरिक्ष का मौसम और अन्य ब्रह्मांडीय ताकतें पृथ्वी को कैसे प्रभावित करती हैं.

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