गेहूं की कटाई के बाद खाली पड़े खेत में कर दे मूंग की बुवाई, 70 दिन में जैकपॉट

कृषि लोन: झारखंड के गोड्डा जिले में रबी सीजन की फसल, खासकर गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है और अब किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं. इस दौरान राज्य सरकार द्वारा कृषि ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. ऐसे में जिन किसानों को धान या अन्य खरीफ फसलों की बुआई के लिए फंड की आवश्यकता है, उनके लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है.
मूंग की खेती दे सकती है अच्छी कमाई
इस सीज़न में मूंग की फसल एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आई है. कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के लाइवलीहुड कोऑर्डिनेटर दुलाल मोदी ने बताया कि किसान IPM विराट जैसी हाई यील्डिंग वैरायटी का इस्तेमाल करके 70 दिनों में 40–50 हजार तक की कमाई कर सकते हैं. इसकी लागत लगभग 5,000 रुपये प्रति बीघा आती है.
गोड्डा की मिट्टी के लिए उपयुक्त बीज
गोड्डा जिले की मिट्टी IPM विराट किस्म की मूंग के लिए अत्यंत उपयुक्त मानी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि खेत की अच्छी जुताई, समय पर बुआई, खरपतवार नियंत्रण और जरूरी कीटनाशकों के प्रयोग से कम समय में अच्छी पैदावार संभव है. यूरिया और नैनो खाद का संतुलित उपयोग उपज में बढ़ोत्तरी करता है.
कृषि ऋण के लिए आवश्यक कागज़ात
कृषि ऋण लेने के इच्छुक किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज बैंक या सहकारी समिति में जमा करने होंगे, जिनमें शामिल हैं:
भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र (या लीज एग्रीमेंट)
आधार कार्ड की कॉपी
पासबुक की फोटो कॉपी
हाल की पासपोर्ट साइज फोटो
बिजली या निवास प्रमाण पत्र
ऋण के लिए फॉर्म भरने से पहले यह रखें ध्यान
किसान को संबंधित बैंक या पैक्स (PACS) में जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा. ध्यान रहे कि आवेदन करते समय सभी दस्तावेज सही और स्पष्ट हों. फार्म के साथ ज़मीन की जानकारी, फसल की किस्म, और अपेक्षित लागत का विवरण भी देना आवश्यक है. फॉर्म भरने में स्थानीय कृषि मित्र या कृषि विभाग के कर्मी सहायता कर सकते हैं.
खरीफ सीज़न में योजना का लाभ उठाएं
मूंग की खेती से जहां 2-3 महीनों में आमदनी हो सकती है, वहीं कृषि ऋण से किसान बिना आर्थिक दबाव के खरीफ की मजबूत तैयारी कर सकते हैं. समय पर आवेदन और तकनीकी सलाह लेकर यह सीजन किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है.
