गाजियाबाद के इन गांव वालों की बल्ले बल्ले, जमीन का मिलेगा मुंहमांगा दाम

नई दिल्ली. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने हरनंदिपुरम हाउसिंग टाउनशिप के लिए आठ गांवों की जमीन का अधिग्रहण करेगा. पहले चरण में पांच गांवों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी. जीडीए ने इन पांच गावों के जमीन की दरें तय कर दी हैं. जमीन की दरें वर्तमान सर्कल रेट से चार गुना अधिक तय की गई हैं. यह फैसला GDA और जिला प्रशासन की एक संयुक्त समिति द्वारा लिया गया. शनिवार को पहले चरण में शामिल पांच गांवों की भूमि दरों को अंतिम रूप दिया गया.
हरनंदिपुरम हाउसिंग टाउनशिप को दिल्ली-मेरठ रोड के पास 521 हेक्टेयर में विकसित किया जाना है. इसके लिए मथुरापुर, शमशेर, चंपत नगर, भनेरा खुर्द, नगला फिरोजपुर मोहन, शाहपुर मोर्टा, मोर्टा और भोवापुर गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी. पहले चरण में पांच गांवों- मथुरापुर, शमशेर, चंपत नगर, भनेरा खुर्दऔर नगला फिरोजपुर मोहन की 336.84 हेक्टेयर भूमि सरकार लेगी. ये दरें 18 सितंबर 2024 को जिला कलेक्टर द्वारा संशोधित सर्कल रेट्स के आधार पर तय की गई हैं. किसानों ने विकसित प्लॉट की भी मांग की है, जिसे GDA बोर्ड की अगली बैठक में रखा जाएगा.
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ये रेट हुआ तय
मथुरापुर गांव की 14.60 हेक्टेयर, शमशेर की 86.54 हेक्टेयर, चंपत नगर की 33.98 हेक्टेयर, भनेरा खुर्द की 9.06 हेक्टेयर और नगला फिरोज मोहनपुर की 192.65 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण पहले चरण में होगा. मथुरापुर, शमशेर, चंपत नगर, भनेरा खुर्द और नगला फिरोजपुर मोहन की जमीन के लए प्रति वर्ग मीटर दरें क्रमशः ₹24,080, ₹26,760, ₹24,040, ₹4,240 और ₹7,200 निर्धारित की गई हैं. ये रेट वर्तमान सर्किल रेट दरों से चार गुना ज्यादा हैं.
हालांकि, किसानों का कहना है कि जिन गांवों की जमीन सरकार लेने जा रही है, उकने वर्तमान सर्कल रेट बाजार दर से काफी कम हैं. उनका कहना है कि गांव दिल्ली-मेरठ रोड और राजनगर एक्सटेंशन के पास स्थित हैं, न कि किसी ग्रामीण क्षेत्र में. इसलिए सर्कल रेट बढ़ाया जाना चाहिए. इसके बाद GDA को भूमि अधिग्रहण दर तय करनी चाहिए.
क्या है हरनंदिपुरम परियोजना
यह परियोजना मुख्यमंत्री शहरी विस्तार नए नगर प्रमोशन योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गाजियाबाद जैसे शहरों का विस्तार कर बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करना है. परियोजना की कुल लागत लगभग ₹10,000 करोड़ आंकी गई है, जिसमें से ₹5,000 करोड़ भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे. GDA और राज्य सरकार इस परियोजना की लागत बराबर साझा करेंगे.
