क्यों शिवलिंग पर चढ़ाते हैं आधा नारियल? गजब के फायदों से हैरान रह जाएंगे आप!

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Half Coconut Front Of Shivling : शिवलिंग पर आधा कटा हुआ नारियल चढ़ाना एक प्राचीन परंपरा है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है. इसका संबंध न सिर्फ भगवान शिव के नेत्रों से है, बल्कि …और पढ़ें

शिवलिंग पर नारियल तोड़कर क्यों चढ़ाते हैं?
हाइलाइट्स
- शिवलिंग पर आधा नारियल चढ़ाना प्राचीन परंपरा है.
- यह भगवान शिव के नेत्रों का प्रतीक माना जाता है.
- इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सुख-समृद्धि आती है.
Half Coconut Front Of Shivling : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का अपना महत्व है, और प्रत्येक पूजा विधि के पीछे एक गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक सोच जुड़ी होती है. अगर हम शिवलिंग पूजा की बात करें तो इस पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी विशेष रूप से ध्यानपूर्वक चुनी जाती है. इनमें से एक सामग्री है नारियल, जिसे विशेष रूप से आधा काटकर शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है. यह एक परंपरा है, जो कई लोगों के मन में सवाल पैदा करती है. आइये, इस परंपरा के पीछे के कारण को समझते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
नारियल का महत्व और शिवलिंग पर चढ़ाने का कारण
नारियल को भारतीय संस्कृति में एक पवित्र और शुभ फल माना जाता है. इसे श्रीफल कहा जाता है और यह देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए प्रचलित है. नारियल का रूप आमतौर पर संपूर्णता का प्रतीक होता है, लेकिन शिवलिंग पूजा में इसे आधा काटकर चढ़ाने का तरीका विशेष रूप से माना गया है. इसके पीछे कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक कारण हैं, जिनसे शिवलिंग पर आधे कटे नारियल को चढ़ाना शुभ माना जाता है.
शिवलिंग पूजा में नारियल का आधा हिस्सा क्यों चढ़ाते हैं?
शिवलिंग पर नारियल के आधे टुकड़े चढ़ाने की परंपरा शास्त्रों में भी उल्लेखित है. कहा जाता है कि नारियल को कटे हुए रूप में शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव के नेत्रों का प्रतीक होता है. नारियल का बाहरी भाग, जब उसे आधा काटा जाता है, तो वह भगवान शिव की दृष्टि का प्रतीक बन जाता है, और यह पूजा के दौरान उनकी कृपा को आकर्षित करता है. अगर नारियल के तीन टुकड़े बनते हैं, तो यह भगवान शिव के त्रिनेत्र का प्रतीक होता है, जो असीम शक्ति और दर्शन का संकेत है.
शिवलिंग पर नारियल चढ़ाने से मिलने वाले लाभ
शिवलिंग पर आधा कटा हुआ नारियल चढ़ाने से कई लाभ माने जाते हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और सकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करने का एक तरीका है. माना जाता है कि यह विधि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लाती है और उसके समस्त मानसिक और शारीरिक तनाव को दूर करती है. इसके अतिरिक्त, यह पूजा विधि संतान सुख के लिए भी बहुत लाभकारी मानी जाती है. कई लोग इस विधि को अपनाकर संतान सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं, क्योंकि नारियल को संतान का प्रतीक भी माना जाता है.
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नकारात्मकता का नाश और सकारात्मकता का आगमन
शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि शिवलिंग पर आधा कटा हुआ नारियल चढ़ाने से घर में आने वाली किसी भी प्रकार की नकारात्मकता का नाश होता है. यह न सिर्फ घर की उन्नति में मदद करता है बल्कि किसी भी बुरी नजर को भी समाप्त करता है.
March 16, 2025, 23:33 IST
