क्या दवा के साइड इफेक्ट से होता है हार्ट अटैक? कौन-कौन सी मेडिसीन है विलेन

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Can Drugs Increase Heart Attack: हर तरफ हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में एक सवाल है कि क्या कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट से भी हार्ट अटैक हो सकता है.

हार्ट अटैक का कारण कहीं दवाइयां तो नहीं.
हाइलाइट्स
- लंबे समय तक पेन किलर लेने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
- कीमोथेरेपी, एंटीसाइकोटिक दवाइयों से हार्ट अटैक का जोखिम.
- दवा के साइड इफेक्ट से थकान, सांस में कठिनाई हो सकती है.
Can Drugs Increase Heart Attack: आधुनिक विज्ञान ने दवाइयों से नया जीवन दिया है. लेकिन कोई भी ऐसी दवा नहीं जिसका साइड इफेक्ट न हो. हालांकि वैज्ञानिक इसके पीछे बहुत दिनों तक रिसर्च करते हैं जिसके कारण इन दवाइयों से कम से कम साइड इफेक्ट होते हैं. यह साइड इफेक्ट इतनी मामूली होती है कि शरीर कुछ ही दिनों में अपने आप इसे खत्म कर देता है. इसलिए लोग बेतकल्लुफी के साथ इन दवाइयों को खाते हैं. पर अगर इन दवाइयों की लोग लत लगा लेते हैं तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.डॉक्टरों का कहना है कि यदि आप लंबे समय तक पेन किलर दवाइयां लेते रहते हैं तो इससे हार्ट अटैक या हार्ट डिजीज का जोखिम कई गुना बढ़ सकता है.
धमनियां पतली होने लगती
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में डॉ. रविंद्रनाथ रेड्डी कहते हैं कि अगर कोई रेगुलर पेनकिलर दवाइयां खाते हैं तो ऐसे व्यक्तियों में हार्ट अटैक, हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा हो जाएगा. लंबे समय तक इन दवाइयों का सेवन हार्ट के नॉर्मल फंक्शन को प्रभावित करता है क्योंकि ये दवाइयां खून के प्लेटलेट्स को गुच्छा बनाने में मदद करता है जिसके कारण खून में थक्का बनने लगता है. इससे धमनियां पतली होने लगती है और फ्लूड रिटेंशन बढ़ जाता है. इन दोनों कारणों से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. अगर दवाइयों के कारण हार्ट में कोई परेशानी होती है तो उसे ड्रग इंड्यूज्ड कार्डियोमायोपैथी कहा जाता है. इसमें हार्ट का आकार बड़ा होकर कमजोर होने लगता है.
हार्ट के इलेक्ट्रिकल फंक्शन को बढ़ा देता
डॉ. रविंद्रनाथ रेड्डी ने कहा कि जब हार्ट में इलेक्ट्रिकल सिग्नल निर्बाध पहुंचता रहता है तो हार्ट की धड़कनें रिद्म बनती है लेकिन दवाइयां हार्ट के इलेक्ट्रिकल कंडक्शन को बदल देता है. यह हार्ट की पंपिंग क्षमता को भी प्रभावित करती है. इससे हार्ट में संरचनात्मक डैमेज भी हो सकता है. हालांकि ज्यादातर दवाइयां अप्रत्यक्ष रूप से हार्ट को नुकसान पहुंचाती है लेकिन कुछ दवाइयां ऐसी होती है जो बहुत जल्दी हार्ट को नुकसान पहुंचाने लगती है. जो दवाइयां फ्लूड रिटेंशन को बढ़ाती है और इलेक्ट्रोलाइट्स के बैलेंस को खराब कर देती है उन दवाइयों से सीधे हार्ट पर असर होती है.
इन दवाइयों से ज्यादा खतरा
डॉक्टर के मुताबिक कीमोथेरेपी एजेंट, नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेटरी ड्रग्स, एंटिएरिद्मिक मेडिकेशन, डायबिटीज की कुछ दवाइयां, कॉर्टिकोस्टेरॉयड, माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन, इम्यून रिस्पॉन्स, एंटीसाइकोटिक आदि की दवाइयों से हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है.
कैसे समझें साइड इफेक्ट हो गया है
दवा खाने के बाद लगातार थकान, सांस लेने में कठिनाई, एंकल्स में सूजन, सीने में दर्द या अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षणों आए तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए. इसके लिए रेगुलर चेक अप, ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम, हार्ट संबंधी जांच आदि कराते रहे.
February 04, 2025, 17:24 IST
