क्या आप कभी भी बीच वाली बर्थ पर सो सकते हैं? 100% आपको नहीं पता होगा
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अगर आपने स्लीपर या थर्ड एसी में ट्रैवल किया है तो आपने बीच वाली बर्थ पर भी सफर जरूर किया होगा. तो क्या आपको पता है कि बीच वाली बर्थ पर क्या दिन में सो सकते हैं? रेलवे के नियम क्या कहते हैं, जानिए.
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ट्रेन के हर बर्थ के लिए भारतीय रेलवे के कुछ नियम है. यहां जानिये.
नई दिल्ली. ट्रेन से ट्रैवल करना सबसे सुविधाजनक तरीका है. ये बात तो आप भी मानते होंगे. खासकर भारत जैसे देशों में तो ये है ही. भारतीय रेलवे यात्रियों के लिए कई तरह की सुविधा देता है. इसमें तीन-लेवल बर्थ (ऊपर, मध्य और निचली बर्थ) वाले स्लीपर कोच भी शामिल हैं. ये व्यवस्था आपको स्लीपर और थर्ड एसी कोच में दिख जाएगी. इससे ट्रेन ज्यादा यात्रियों को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि इससे जुड़े कुछ नियम भी हैं.
जी हां, आपको शायद ही ये बात पता हो कि बीच वाली बर्थ पर सोने का समय निश्चित होता है. आपने कई बार ट्रेन में इस बात पर बहस होते देखा होगा कि लोग दिन में भी अपनी बीच वाली बर्थ पर सो जाते हैं और इसके बाद निचली बर्थ पर बैठे लोग खीझते रहे हैं. तो क्या दिन में बीच वाले बर्थ पर सोना मना है? जानिये भारतीय रेलवे के नियम क्या कहते हैं.
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मिडिल बर्थ के लिए क्या हैं नियम:
मिडिल बर्थ ऊपरी और निचली बर्थ के बीच में होती है और इसे दिन के समय मोड़कर यात्रियों को बैठने की जगह दी जाती है. इसलिए इस बर्थ के लिए एक समय सीमा बनाई गई है जिसके दौरान ही मिडिल बर्थ पर यात्री सो सकते हैं.
भारतीय रेलवे ने नियमों के अनुसार रात 10:00 बजे अगली सुबह 6:00 बजे तक ही बीच वाली बर्थ खुली रह सकती है. इसके बाद उसे फोल्ड करना होगा. यानी बीच वाली बर्थ पर जिस यात्री का रिजर्वेशन है, वह अपनी सीट पर रात के 10 बजे से पहले नहीं सो सकता और उसे सुबह 6 बजे ही अपनी सीट फोल्ड कर देनी होगी. इससे निचली बर्थ पर बैठने के लिए जगह बन जाती है.
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अब आपके मन में ये बात आ रही होगी कि बीच वाली बर्थ का यात्री कहां बैठेगा. तो आपको बता दें कि दिन के समय में बीच वाली बर्थ और निचली बर्थ के यात्री, नीचे वाली बर्थ को ही बैठने के लिए यूज करते हैं.
अगर बीच वाली बर्थ पर बैठा कोई यात्री सुबह 6 बजे के बाद अपनी सीट मोड़ने से मना कर देता है और इससे दूसरे यात्रियों को परेशानी हो रही है तो ऐसे में दूसरे यात्री बीच वाली बर्थ पर बैठे यात्री से सीट मोड़ने को कह सकते हैं. इसका उन्हें अधिकार है. अगर वह फिर भी नहीं मानता है, तो इसकी सूचना ट्रेन स्टाफ या टीटी (TTE) को दी जा सकती है.
New Delhi,Delhi
January 15, 2025, 17:24 IST
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