कौन है सैफुल्लाह कसूरी? जिसने पहलगाम में दिया कभी न भूलने वाला दर्द

Last Updated:
Kashmir Pahalgam Terrorist Attack : सैफुल्लाह कसूरी को पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. सैफुल्लाह कसूरी लश्कर सरगना हाफिज सईद का बेहद करीबी है.

सैफुल्लाह कसूरी जिसे माना जा रहा पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड.
हाइलाइट्स
- पहलगाम हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआएफ ने ली है.
- टीआरएफ के पीछे सैफुल्लाह कसूरी का दिमाग बताया जा रहा है.
- कहा जा रहा है कि उसने ही पहलगाम हमले की साजिश रची थी.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 27 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इनमें तीन विदेशी भी हैं. लश्कर से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. लेकिन खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी है, जिसे हाफिज सईद का करीबी बताया जा रहा है.
सैफुल्लाह कासूरी को सैफुल्लाह साजिद जट्ट, अली, हबीबुल्लाह और नौमान समेत कई नामों से भी जाना जाता है. वह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख कमांडर और डिप्टी चीफ है. खुफिया एजेंसियों के अनुसार वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है और लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का सबसे भरोसेमंद सहयोगी है. उसकी उम्र 40-45 वर्ष के बीच मानी जाती है, और वह पिछले दो दशकों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.
सैफुल्लाह कितना ताकतवर
- सैफुल्लाह ने 2000 के दशक की शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा ज्वाइन किया. पाकिस्तान के मुरीदके में एलईटी के कैंप में ट्रेनिंग लिया. कहा जाता है कि उसकी भर्ती और ट्रेनिंग में हाफिज सईद का सीधा दखल था.
- सैफुल्लाह को जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी इलाके में लश्कर के आतंकी गतिविधियों का मेन हैंडलर माना जाता है. वह पीओके के कोटली जिले में लश्कर के खुइरट्टा डेट्स एक छोटे आतंकी समूह का चीफ रह चुका है. यहीं से भारत में आतंकी भेजे जाते हैं.
- सैफुल्लाह ने द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) और पीपल्स एंटी-फासिस्ट फोर्स (PAFF) बनाया. यही जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करते हैं ताकि वह हमलों की सीधे जिम्मेदारी लेने से बच सके. हाफिज सईद का यह बेहद करीबी है.
- खुफिया एजेंसियों का मानना है कि सैफुल्लाह कसूरी पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड है. उसने 5-6 पाकिस्तानी आतंकियों को इस हमले को अंजाम देने के लिए भेजा था. यह कुछ दिन पहले ही जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करके आए थे.
