कोरबा में अब शुरू होगा नेत्रदान, आंख के रोगियों को मिलेगा नया जीवन

Agency:News18 Chhattisgarh
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Eye Donation: अब कोरबा में नेत्रदान की इच्छा रखने वाले लोगों को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर मिलेगा, क्योंकि पहले कार्निया निकालने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. इस दिशा में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकर्ष…और पढ़ें

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हाइलाइट्स
- कोरबा में 40 बिस्तर का आई हॉस्पिटल बनेगा
- नेत्रदान के लिए मेडिकल कॉलेज में टीम तैयार
- आई बैंक खोलने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही
कोरबा. कोरबा जिले में अब नेत्रदान को बढ़ावा मिलेगा और जरूरतमंदों को रोशनी देने का सपना साकार होगा. शहर के मेडिकल कॉलेज में कार्निया (Cornea) निकालने के लिए टीम तैयार हो गई है, जिससे मरणोपरांत नेत्रदान करने वालों की अंतिम इच्छा पूरी हो सकेगी. निकाले गए कार्निया को बिलासपुर स्थित सिम्स (SIMS) में ट्रांसप्लांट किया जाएगा.
मिलेगी नेत्रदान की सुविधा
पहले कोरबा में नेत्रदान की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब इच्छुक लोगों को अपनी इच्छा पूरी करने का मौका मिलेगा. इस दिशा में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकर्षित करने में भारत विकास परिषद के प्रकल्प प्रभारी महेश गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके प्रयासों से कलेक्टर अजीत वसंत, सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कार्निया ट्रांसप्लांट की तैयारी शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
आंखों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा कार्निया
अब नेत्रदान की सूचना मिलते ही मेडिकल कॉलेज की टीम पार्थिव देह से कार्निया निकालने के लिए तैयार रहेगी. कार्निया को सुरक्षित रूप से सिम्स, बिलासपुर भेजने की व्यवस्था भी कर ली गई है, जहां प्रशिक्षित टीम द्वारा जरूरतमंदों की आंखों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा. इस पहल से नेत्रहीनों के जीवन में रोशनी की उम्मीद जगी है.
तेजी से आगे बढ़ रही आई बैंक खोलने की प्रक्रिया
इसके अलावा, कोरबा जिले में आई बैंक खोलने की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के दो डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण के लिए 3 महीने के लिए भेजा जा रहा है. उनके प्रशिक्षण के बाद लौटने पर, जिले में प्रतिमाह नेत्रदान से मिलने वाले कार्निया की संख्या के आधार पर आई बैंक की स्वीकृति मिलने की संभावना है.
आई हॉस्पिटल खुलने से मिलेगा बेहतर उपचार
आई बैंक खुलने से जिले में नेत्रदान और कार्निया ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सुगम हो जाएगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सकेगा. इसके साथ ही, जिला मेडिकल कॉलेज में 40 बिस्तर का आई हॉस्पिटल बनाया जा रहा है, जिससे कोरबा जिले के निवासियों के साथ-साथ अन्य जिलों के लोगों को भी बेहतर उपचार मिल सकेगा.
नेत्रदान के प्रति बढ़ेगी जागरूकता
इस पहल से कोरबा जिले में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और नेत्रहीनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा. नेत्रदान एक महान दान है, जो किसी के जीवन में रोशनी ला सकता है। कोरबा में नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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February 24, 2025, 12:44 IST
