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कुणाल कामरा के लिए नई मुसीबत! कॉमेडियन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस मंजूर

मुंबई: मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस स्वीकार कर लिया है. मामला कामरा के एक हालिया शो से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने एक गाने के ज़रिये महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष किया था. इस पर शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता भड़क गए और मामला राजनीतिक रूप से गरमा गया. महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री और शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने सीधे तौर पर कहा कि कुणाल कामरा की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं के धैर्य की परीक्षा न ली जाए.” रविवार रात, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के खार इलाके में स्थित ‘हैबिटेट कॉमेडी क्लब’ में तोड़फोड़ कर दी, जहां कामरा का शो रिकॉर्ड किया गया था. इस घटना के बाद से मामला और गंभीर हो गया.

‘हम जानते हैं उन्हें कहां से लाना है’ – शिवसेना मंत्री

मंत्री शंभूराज देसाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “शिंदे साहब ने हमें धैर्य रखने को कहा है, इसलिए हम शांत हैं. लेकिन हम शिवसैनिक हैं, हमें पता है कि कामरा कहां छिपे हैं और उन्हें कैसे लाना है.” उन्होंने पुलिस को भी कड़ी चेतावनी दी, “हमारे धैर्य की परीक्षा मत लो. उसे (कामरा) पकड़ो, टायर पहनाओ और ‘प्रसाद’ दो.” यह बयान और भी ज़्यादा विवादास्पद हो गया है.

कामरा के विवादित गाने से बवाल

कुणाल कामरा ने अपने एक शो में फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के गाने के बोल बदलकर गाया था. इस गाने में उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से शिंदे को ‘गद्दार’ कहा. यह वही शब्द है, जिसका इस्तेमाल शिवसेना (उद्धव गुट) अक्सर शिंदे और उनके समर्थकों के लिए करता है. 2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी, जिससे शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी. इसी के चलते ‘गद्दार’ शब्द राजनीतिक रूप से संवेदनशील बन चुका है.

मुंबई पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी

शिवसेना के कार्यकर्ता इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वे लगातार कामरा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. शिवसेना विधायक की शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस अब कानूनी कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रही है.

केंद्रीय मंत्री वैष्णव का बयान: “कानून के मुताबिक कार्रवाई जरूरी”

इस पूरे मामले पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “अगर देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई ज़रूरी है, तो ऐसा होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि संविधान ने बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है, लेकिन इसके साथ कुछ कर्तव्य भी हैं. उन्होंने कहा, “हर किसी को इन सीमाओं का सम्मान करना चाहिए, ताकि समाज सामंजस्यपूर्ण ढंग से काम करे.”

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