किसान आंदोलन पर पंजाब के बुलडोजर एक्शन के बाद हरियाणा पुलिस खोल रही रास्ता

चंडीगढ़. किसान आंदोलन का केंद्र रहे शंभू बॉर्डर पर पंजाब पुलिस के बुलडोजर एक्शन के बाद अब हरियाणा की तरफ से भी घग्गर नदी के पास बनाए गए बैरिकेड्स को अंबाला पुलिस हटा रही है. शंभू में बीती रात को किसानों के टेंटों पर पंजाब पुलिस ने जेसीबी चलाई और अब हरियाणा ने भी रास्ता खोलना शुरू कर दिया. उधऱ, पुलिस के एक्शन से अंबाला और आसपास के व्यापारी खुश हैं.
जानकारी के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर पर लगे कंक्रीट के बैरिकेड हटाए जा रहे हैं. अंबाला पुलिस ने घग्गर पुल के पास बड़े बड़े सीमेंट के बैरिकेड लगाए थे और वहां भी अब बुलडोजर का इस्तेमाल किया. पंजाब पुलिस ने भी प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटा दिया था. पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) नानक सिंह ने कहा कि सड़क को साफ करके यातायात के लिए जल्द खोल दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसानों ने पुलिस का सहयोग किया और कोई जोर-जबरदस्ती नहीं करनी पड़ी. SSP नानक सिंह ने कहा, “किसान लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे थे. हमने उन्हें समझाया और वे मान गए. कुछ लोग घर जाना चाहते थे, तो हमने उन्हें बस से भेज दिया. यहां जो भी ढांचे बने हुए थे, उन्हें भी हटा दिया गया है. अब सड़क पूरी तरह से साफ है और गाड़ियां चल सकती हैं.”
अंबाला पुलिस ने बॉर्डर से 1 किलोमीटर पहले ही रूट डाइवर्ट करके शंभू बॉर्डर की तरफ जाने वाले हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया है. ट्रैफिक पुलिस के SHO जोगिंदर सिंह के अनुसार, उन्हें आला अधिकारियों ने आदेश दिए हैं कि किसी भी हाल में ट्रैफिक को शंभू बॉर्डर की तरफ ना जाने दिया जाए, इसलिए उन्होंने ट्रैफिक को पीछे से ही डायवर्ट कर दिया है और किसी को भी शंभू बॉर्डर की तरफ जाने नहीं दिया जा रहा. हालांकि, जल्द ही यह रास्ता खुलेगा क्योंकि अब पुलिस बैरिकेड तोड़ रही है.

हरियाणा पुलिस ने अंबाला के पास घग्गर पुल के सामने से बैरिकेड तोड़ने शुरू किया है.
उन्होंने आगे कहा, “हरियाणा पुलिस भी अपनी तरफ से रास्ता खोलेगी. इसके बाद हाईवे पर गाड़ियां चलने लगेंगी. हमें किसी पर भी जोर-जबरदस्ती नहीं करनी पड़ी, क्योंकि किसानों ने हमारी बात मान ली और वे खुद ही बस में बैठ गए.” पुलिस ने किसानों के बनाए हुए अस्थायी ढांचे भी हटा दिए. कुछ किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जिनमें जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर शामिल हैं. जगजीत सिंह दल्लेवाल भूख हड़ताल पर थे.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पंजाब सरकार की कार्रवाई गलत है. उन्होंने कहा, “एक तरफ सरकार किसानों से बात कर रही है, और दूसरी तरफ उन्हें गिरफ्तार कर रही है. हम इसका विरोध करते हैं और किसानों के साथ हैं.” पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि किसानों पर हमला किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “सरकार किसानों को धोखा दे रही है. सरकार ने ही रास्ता बंद किया है, किसानों ने नहीं. किसान दिल्ली आना चाहते हैं.”
BJP नेता फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के साथ है. उन्होंने AAP के नेता अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर किसानों के साथ खेलने का आरोप लगाया. बाजवा ने कहा, “केंद्र सरकार ने अपने मंत्रियों को किसानों से बात करने के लिए भेजा है, लेकिन AAP वाले किसानों को धोखा दे रहे हैं. वे अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों का इस्तेमाल कर रहे हैं.” पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलने के लिए यह कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि किसानों को दिल्ली में जाकर प्रदर्शन करना चाहिए, क्योंकि उनकी मांगें केंद्र सरकार से हैं.

अंबाला पुलिस ने घग्गर पुल के पास बड़े बड़े सीमेंट के बैरिकेड लगाए थे और वहां भी अब बुलडोजर का इस्तेमाल किया.
बॉर्डर कई दिन से बंद था बॉर्डर
चीमा ने कहा, “जब किसान काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, तब AAP सरकार और पंजाब के लोग उनके साथ थे. किसानों की मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं. शंभू और खनौरी बॉर्डर एक साल से ज्यादा समय से बंद हैं. इससे पंजाब के व्यापारी और युवा परेशान हैं. अगर व्यापार चलेगा, तो युवाओं को नौकरी मिलेगी और वे गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे.” हरपाल चीमा ने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि पंजाब के युवाओं को रोजगार मिले. इसलिए हमने बॉर्डर खोलने का फैसला किया है. किसानों को दिल्ली में जाकर प्रदर्शन करना चाहिए, पंजाब की सड़कों को बंद नहीं करना चाहिए.”
