कस्तूरबा की छात्राओं ने क्लियर किया JEE मेंस, जानें बेटियों के उड़ान की कहानी

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IIT Result: खूंटी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 10 छात्राएं JEE मेंस पास कर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है. अब छात्राएं एडवांस की तैयारी में जुटी गई है.

खूंटी के पीएम श्री कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कालामाटी ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी लकीर खींची है.
हाइलाइट्स
- खूंटी के कस्तूरबा विद्यालय की 10 छात्राओं ने JEE मेंस पास किया.
- अब छात्राएं JEE एडवांस की तैयारी में जुटी हैं.
- विद्यालय और प्रशासन ने एडवांस की तैयारी के लिए पूरी व्यवस्था की है.
रांची/खूंटी. जिंदगी में लक्ष्य की प्राप्ति साधना के जरिए ही की जा सकती है. खूंटी के कालामाटी में पीएम श्री कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की दस छात्राएं एक ऐसी ही साधना में लीन हैं. गरीबी और संघर्ष के बीच इनकी मेहनत रोशनी की एक उम्मीद जगा रही हैं. खूंटी के पीएम श्री कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कालामाटी ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी लकीर खींची है. यहां की 15 छात्राओं ने इस बार JEE मेंस क्लियर किया है और अब इनमें से 10 छात्राएं एडवांस की तैयारी में जुट गई हैं. नक्सल प्रभावित और अति पिछड़े इलाकों की इन छात्रों की अपनी अपनी कहानी है.
कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन मीनू बड़ाईक ने बताया कि गरीबी और संघर्ष के बीच निकली इन छात्राओं की एडवांस परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यालय प्रबंधन, खूंटी जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से पूरी व्यवस्था की गई है. इसमें कोर्स मैटेरियल, IIT के प्रोफेशनल टीचर्स और नोट्स की व्यवस्था की गई है।.
JEE मेंस में कस्तूरबा की बेटियों का कमाल
महिमा कुमारी- 84.76 परसेंटाइल
दिव्या कुमारी- 81.30 परसेंटाइल
सिमरन कश्यप- 80.63 परसेंटाइल
ललिता पूर्ति- 68.41परसेंटाइल
सुबोधनी कुमारी- 65.65 परसेंटाइल
चंदू टूटी- 64.79 परसेंटाइल
जंबी टूटी- 62.64 परसेंटाइल
प्रमिला टूटी- 57.46 परसेंटाइल
सुषमा कुमारी- 51.09 परसेंटाइल
अर्चना कुमारी- 48.97 परसेंटाइल
बेटियों ने जीत ली आधी जंग
इसमें सिमरन कश्यप की सफलता थोड़ी अनोखी है. पिछले साल सिमरन ने महज 3 परसेंटाइल लाया था. लेकिन, इस बार उसने 80.63 परसेंटाइल लाकर जेईई मेंस क्लियर किया है. बता दें, कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में गरीब और अति पिछड़े इलाकों की बच्चियों को आवासीय शिक्षा की व्यवस्था की जाती है. JEE मेंस पास कर एडवांस की तैयारी में जुटीं सभी बच्चियां बेहद गरीब परिवार से है. इनमें किसी की मां नहीं है तो किसी के पिता. परिवार वालों को यह भी एहसास नहीं कि बेटियों ने देश की टॉप परीक्षा की आधी जंग जीत ली है.
क्या कहते हैं शिक्षक?
छात्राओं को एडवांस की तैयारी करने वाले गणित के शिक्षक अरुण कुमार ने बताया कि बच्चों को बेहतर कोर्स मटेरियल मुहैया कराए जा रहे हैं. वहीं फिजिक्स पढ़ाने वाले शिक्षक आशीष ने बताया कि बच्चियों की पढ़ाई का लेवल अच्छा है और वह इस बार एडवांस की परीक्षा पास करने जा रही हैं.
