कद्दू की यह वैरायटी किसानों को बना रही मालामाल, कम समय में देती ज्यादा पैदावार
Agency:News18 Uttar Pradesh
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किसान आकाश ने लोकल 18 से बातचीत में बताया हम दो-तीन सालों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जिसमें ज्यादातर फूलगोभी, टमाटर, शिमला मिर्च आदि हैं इन फसलों से हमें अच्छा मुनाफा देखने को मिला.
बाजारों में रहती है हमेशा डिमांड
वैसे आज के समय में खेती किसानी भी किसी बिजनेस से कम नहीं है, क्योंकि कुछ ऐसी फसले हैं जिनकी खेती से किसानों को लाखों रुपए मुनाफा होता है. यही वजह है कि लोग खेती किसानी को बिजनेस के तौर पर करने लगे हैं. दरअसल, हरी सब्जियों की बढ़ती मांग और अच्छी कीमत मिलने की वजह से किसान सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं और सब्जियों की खेती से किसान कम लागत में कई गुना लाभ ले रहे हैं जिसके चलते किसान 56 कद्दू, शिमला मिर्च, टमाटर, फूल गोभी आदि की खेती में अपनी रुचि दिखा रहे हैं
कद्दू की खेती से कमा रहे हैं मुनाफा
जिले के इस किसान ने 56 कद्दू की खेती कर कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया है. जनपद बाराबंकी के बड़ेल गांव के रहने वाले किसान आकाश, पारंपरिक फसलों के मुकाबले सब्जियों की खेती की शुरुआत की जिसमें उन्हें अच्छा फायदा हुआ. आज वह करीब दो बीघे में 56 कद्दू की खेती कर रहे हैं जिनमें उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है.
क्या पड़ता है लागत
इसकी खेती करने वाले युवा किसान आकाश ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि हम दो-तीन सालों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं जिसमें ज्यादातर फूलगोभी, टमाटर, शिमला मिर्च आदि हैं. इन फसलों से हमें अच्छा मुनाफा देखने को मिला जिसके चलते हमने इस बार करीब दो बीघे में 56 कद्दू लगाया है. इसमें हम लागत की बात करें, तो एक बीघे में 8 से 10 हजार रुपए आती है. वहीं मुनाफा करीब एक फसल पर 70 से 80 हजार रुपये तक हो जाता है, क्योंकि 56 कद्दू की डिमांड बाजारों में हमेशा रहती है. इसलिए इसका इस्तेमाल सब्जियों के अलावा और भी कई चीजो में होता है जिससे की ये अच्छे रेट में जाता है और इस फसल में देखा जाए तो लागत बहुत कम है मुनाफा कही अधिक है.
कैसे करें खेती
इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई की जाती है. फिर इसमें गोबर वह अन्य खाद डालकर खेत को समतल करके खेत में मेढ़ बनाकर कद्दू के बीजों की लाइन टू लाइन बुवाई की जाती है. फिर वही 20 से 25 दिन बाद जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है तब इसकी सिंचाई करनी होती है. करीब 50 से 60 दिन बाद फसल निकलने लगती है जो करीब 3 महीने तक चलती है जिसे तोड़कर प्रतिदिन बाजारों में बेच सकते हैं.
Bara Banki,Uttar Pradesh
February 05, 2025, 09:58 IST