एक पेड़,दो फसलें और बंपर कमाई!देसी ट्रिक से 40 हजार की लागत से 3 लाख का मुनाफा
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Checknat Plum Cultivation: सोलापुर के किसान दिगंबर शिवाजी चव्हाण ने उमरान और चमेली बेर पर कलम करके चेकनेट बेर की खेती की. आधे एकड़ में 60 पेड़ों से उन्हें ढाई से तीन लाख रुपये का मुनाफा हुआ.
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किसान ने चेकनेट बेर की खेती से कमाए तीन लाख रुपये.
हाइलाइट्स
- सोलापुर के किसान ने चेकनेट बेर की खेती से 3 लाख रुपये कमाए.
- उमरान और चमेली बेर पर कलम करके चेकनेट बेर उगाए.
- चेकनेट बेर की मांग और कीमत बाजार में अच्छी है.
इरफान पटेल/सोलापुर: आजकल किसान अपने खेतों में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. सोलापुर जिले के एक किसान ने भी ऐसा ही एक अनोखा प्रयोग किया है. उमरान और चमेली बेर के पेड़ों से ज्यादा मुनाफा न मिलने पर किसान ने उमरान और चमेली के पेड़ों पर कलम करके आधे एकड़ में चेकनेट बेर की खेती की है. आधे एकड़ में चेकनेट के 60 पेड़ों से किसान को ढाई लाख से तीन लाख रुपये तक का मुनाफा हुआ है.
बता दें कि दिगंबर शिवाजी चव्हाण, जो वाफले, तालुका मोहोल, जिला सोलापुर के रहने वाले हैं, पहले उमरान और चमेली बेर के पेड़ों की खेती करते थे, लेकिन उमरान और चमेली बेर की बिक्री से खर्च भी नहीं निकल रहा था. इसके बाद किसान दिगंबर ने उमरान और चमेली के पेड़ों पर कलम करके चेकनेट बेर की खेती शुरू की.
उमरान और चमेली के पेड़ों पर ग्राफ्टिंग करके चेकनेट की खेती
आधे एकड़ में 18 बाय 18 की दूरी पर दिगंबर चव्हाण ने 60 चेकनेट बेर के पेड़ों की खेती की है. चेकनेट बेर के पेड़ों की खेती से लेकर छिड़काव तक चव्हाण को 40 हजार रुपये तक का खर्च आया. वहीं, चेकनेट बेर की बिक्री से सभी खर्च निकालकर किसान दिगंबर शिवाजी चव्हाण को ढाई लाख से तीन लाख रुपये तक का मुनाफा हुआ है. बाजार में चेकनेट बेर का भाव 70 रुपये से 110 रुपये प्रति किलो तक है.
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लोकल 18 से बात करते हुए दिगंबर शिवाजी चव्हाण ने कहा कि चेकनेट बेर रंग में हरा, स्वाद में मीठा और बाजार में इसकी मांग भी अच्छी है. सोलापुर जिले के साथ-साथ कोल्हापुर, पुणे, मुंबई में भी चेकनेट बेर बिक्री के लिए भेजे जाते हैं. चेकनेट बेर नारंगी-पीले रंग के, स्वादिष्ट, मीठे और आकार में भी अच्छे होते हैं. किसानों को निश्चित रूप से चेकनेट बेर की खेती करनी चाहिए, इससे कम खर्च में ज्यादा मुनाफा मिलेगा.
February 20, 2025, 19:45 IST
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