उदयपुर स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल: किस्सों और कहानियों की समृद्ध विरासत का उत्सव

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Storytelling Festival: कहानी कहने की मौखिक परंपरा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से आयोजित उदयपुर स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल ने अपने छठे संस्करण के साथ कहानी सुनाने की सदियों पुरानी कला को नई पहचान दी. इस फेस्टिवल में देश-विदेश के प्रसिद्ध कथाकारों और कलाकारों ने अपनी अनूठी…और पढ़ें
उदयपुर. डिजिटल युग में लुप्त होती कहानी कहने की मौखिक परंपरा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से आयोजित उदयपुर स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल ने अपने छठे संस्करण के साथ कहानी सुनाने की सदियों पुरानी कला को नई पहचान दी. इस फेस्टिवल में देश-विदेश के प्रसिद्ध कथाकारों और कलाकारों ने अपनी अनूठी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया.
लोक कथाओं, व्यक्तिगत अनुभवों, जुमलेबाजी का संगम
फेस्टिवल में लोक कथाओं, व्यक्तिगत अनुभवों, जुमलेबाजी और प्रेरक कहानियों का संगम देखने को मिला. कहानी सत्र बच्चों के लिए प्रेरक कहानियों के साथ शुरू होते थे और दिनभर अलग-अलग थीम जैसे कहानीगंज और जमघट में बंटे रहते.
अमीर खुसरो की शैली हुई पुनर्जीवित
विशाल जानवे ने ‘चेतक की कहानी’, मकरंद देशपांडे ने ‘स्लाइस ऑफ लाइफ’, और देवदत्त पटनायक ने ‘सती सावित्री’ प्रस्तुत कर दर्शकों को ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाओं से जोड़ा. सैयद साहिल आगा ने अपनी जुमलेबाजी और किस्सागोई से अमीर खुसरो की शैली को पुनर्जीवित किया. बॉलीवुड अभिनेता विक्की आहूजा ने देश के बंटवारे पर आधारित कहानी ‘सरदार जी’ सुनाई, जिसने श्रोताओं की आंखें नम कर दीं.
लोक और नवाचार का संगम
कैदियों के बैंड ‘नया सवेरा’ ने अपने लिखे गीतों से लोगों को भावुक कर दिया. वहीं, शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों के लिए विशेष वर्कशॉप आयोजित की गई, जहां उन्होंने कहानी कहने की कला को महसूस कर सीखा. सह-संस्थापक सुष्मिता सिंघा ने कहा, ‘उदयपुर टेल्स विविध आवाज़ों और कहानियों का संगम है. सलिल भंडारी ने इसे परंपरा और नवाचार का खूबसूरत मिश्रण बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पीढ़ियों को जोड़ना और प्रेरित करना है. इस उत्सव ने मौखिक परंपराओं, लोकगीतों और किस्सागोई को नए सिरे से जीवंत कर, कहानी कहने की कला को संरक्षित करने का प्रयास किया.
Udaipur,Udaipur,Rajasthan
January 13, 2025, 23:56 IST
