इस फसल की भूलकर भी न करें खेती…बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली, पछता रहा ये किसान!
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Agency:News18 Haryana
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loss in agriculture: फरीदाबाद के दयालपुर गांव के किसान गुरनाम सिंह जेई की खेती में घाटे का सामना कर रहे हैं. उनकी पांच एकड़ ज़मीन पट्टे पर ली हुई है और उन्हें खेती से उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिल रहा. मंडी मे…और पढ़ें
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जेई की खेती में घाटा, किसान दुखी.
हाइलाइट्स
- फरीदाबाद के किसान गुरनाम सिंह को जेई की खेती में घाटा हो रहा है.
- मंडी में जेई का भाव सिर्फ 2 रुपये प्रति किलो है.
- खेती में नुकसान के कारण गुरनाम सिंह पर कर्ज बढ़ गया है.
विकास झा/फरीदाबाद: फरीदाबाद के दयालपुर गांव के किसान गुरनाम सिंह पिछले 20 सालों से खेती कर रहे हैं, लेकिन इस साल उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है. वह साढ़े सात एकड़ जमीन पर जेई (Jowar Ensilage) की खेती करते हैं, जो पशुओं के चारे के लिए उपयोगी मानी जाती है. कहा जाता है कि इससे दूध देने वाली गाय-भैंसों का दूध बढ़ता है, लेकिन कम दाम मिलने के कारण उन्हें लगातार घाटा हो रहा है.
खेती में ज्यादा खर्च, कम मुनाफा
गुरनाम सिंह के पास सिर्फ दो एकड़ अपनी जमीन है, जबकि बाकी साढ़े पांच एकड़ उन्होंने पट्टे पर ली है, जिसके लिए हर साल 33 हजार रुपये किराया देना पड़ता है.
फसल की लागत:
बीज – एक एकड़ में 20-25 किलो बीज लगता है, जो 72 रुपये प्रति किलो मिलता है.
उर्वरक – खेती के लिए डीएपी और यूरिया का इस्तेमाल करना पड़ता है.
सिंचाई – हर 20 दिन में पानी देना जरूरी होता है.
समय – फसल तीन महीने में तैयार होती है.
मंडी में दाम बहुत कम
गुरनाम सिंह बताते हैं कि मंडी में जेई का भाव सिर्फ 2 रुपये प्रति किलो है, जबकि उन्हें कम से कम 3-3.5 रुपये प्रति किलो मिलना चाहिए, तभी खर्च निकल सकता है और कुछ मुनाफा भी हो सकता है.
कर्ज और बढ़ती आर्थिक परेशानियां
गुरनाम सिंह का कहना है कि खेती में लगातार नुकसान होने के कारण उनके ऊपर कर्ज चढ़ गया है और अब बच्चों की स्कूल फीस भरना भी मुश्किल हो गया है. वे कहते हैं कि अगर यही हाल रहा तो उन्हें खेती छोड़नी पड़ेगी, क्योंकि इसमें अब सिर्फ घाटा ही घाटा है.
क्या खेती करना अब घाटे का सौदा बन चुका है?
गुरनाम सिंह की तरह कई किसान कम दाम, बढ़ते खर्च और कर्ज के दबाव में परेशान हैं. अगर फसलों की सही कीमत नहीं मिली, तो किसानों के लिए खेती करना मुश्किल हो जाएगा. सरकार या प्रशासन को इस मुद्दे पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही लाभ मिल सके.
Faridabad,Haryana
February 18, 2025, 21:52 IST
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