आधी रात को फटा बादल, अचानक आई बाढ़… रामबन में हर तरफ तबाही, जानें ताजा हाल

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि के बाद भयंकर भूस्खलन ने सबकुछ तबाह कर दिया. लोगों ने जो घर सालों की मेहनत के बाद बनाए थे, वो एक ही रात में मलबे में दफन हो गए. इस प्राकृतिक आपदा में तीन लोगों की जान चली गई और दर्जनों परिवार बेघर हो गए. रामबन के धर्म कुंड गांव समेत कई इलाकों में करीब 40 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 10 पूरी तरह ध्वस्त हो गए. यहां राहत और बचाव का काम लगातार युद्ध स्तर पर जारी है, लेकिन अभी भी कई जगह पर प्रशासन की मदद नहीं पहुंच पाई है.
रामबन में तबाही की शुरुआत 19 तारीख की रात एक बजे ही मूसलाधार बारिश ने कर दी थी. 2 बजे बारिश ने बाढ़ का रूप ले लिया और 3:30 बजे तक रामबन का 14 किलोमीटर लंबा इलाका मलबे में तब्दील हो गया. मंजर इतना भयानक था कि सुबह सूरज की पहली किरण के बाद से ही लोग रोते-चिल्लाते आसपास के इलाकों में मदद के लिए पहुंच गए.
ताश के पत्तों की तरह बह गए घर और गाड़ियां
ताश के पत्तों की तरह घर, गाड़िया बहते देख हर कोई कुदरती आपदा के मंजर को देख सिर्फ यही कह रहा था कि बारिश अब थम जा. लेकिन न बारिश रुकी न मलबे को जेसीबी हटा पाई. जितनी बार जेसीबी मलबे को हटाने का काम कर सड़क को साफ करने की कोशिश कर रही थी उतनी बार बारिश जेसीबी के पहियों को रोक रही थी.
इस त्रासदी को देख कश्मीर घूमने आए लोग भी सहम चुके थे. पहाड़ियों से बारिश के पानी के साथ इतना मलबा और पत्थर कहां से आया, इस बात को कोई समझ ही नहीं पा रहा था. रेस्टोरेंट, दुकानें, घर, झुग्गियां, सड़कें, गलियां कुछ भी नहीं बचा… सब कुदरत की इस आपदा में सिमट गया और बस लोगों की आंखों में आंसू और दुख के सिवा कुछ नहीं दिखा.
रो-रोकर बयां किया दर्द
न्यूज 18 के कैमरे पर लोगों ने रो-रोकर अपना दुख बयां किया. यही नहीं बर्तनों में चावल और मलबा एक साथ देख आंखों में आंसू आ गए. लोग रो रहे थे, घर मलबे में तब्दील हो चुके थे. लोगों की हालत कुछ समझने की रही ही नहीं कि चंद घंटों की बारिश ने सब कुछ तहस-नहस कैसे कर दिया?
जम्मू-कश्मीर हाईवे पर रामबन जिले में छोटी-बड़ी गाड़ियां मिलाकर करीब 720 गाड़ियां फंसी हुई हैं और बेहद ज्यादा संख्या में यात्री फंसे हैं. इस तबाही के बाद का मंजर ऐसा था कि सिर्फ स्थानीय लोग इसकी चपेट में नहीं आए. देशभर से घूमने आए लोग जो कश्मीर से जम्मू और जम्मू से कश्मीर जाने वाले थे, भी उस त्रासदी की चपेट में आ गए. राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफी बड़ी संख्या में लोग फंस गए. स्थानीय लोगों ने वहां लगाए लंगर और पर्यटकों और स्थानीय मुसाफिरों की मदद की.
स्थिति बेहद खराब
उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने रामबन और बनिहाल क्षेत्र का दौरा किया और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों के साथ मिलकर प्रभावित इलाकों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि स्थिति बेहद खराब है और वह अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगे. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन हालात पर गंभीरता से नजर बनाए हुए है.
बारिश के साथ आई तबाही के बाद अब प्रशासन युद्ध स्तर पर राहत बचाव के काम में लगा है. रामबन पुलिस अलग-अलग टीमें बनाकर 24 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. न्यूज इंडिया से बातचीत में रामबन के एसएसपी गुलवीर सिंह ने बताया कि रामबन में हमारे अफसर लगातार लोगों के संपर्क में हैं. रात को भी बचाव कार्य के लिए टीमें तैयार कर दी गई हैं. जरूरत पड़ने पर हमारे पुलिसवाले हर जगह पहुंचने के लिए तैयार हैं. बारिश रुक नहीं रही और प्राकृतिक आपदा से बचा नहीं जा सकता, लेकिन कोशिश यही होगी कि कम से कम लोगों को नुकसान हो. हमारे रामबन के तीन लोगों की मौत हुई और नुकसान न हो उसके लिए हम पूरी तरह से सतर्क हैं.
