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आदिवासी महिलाओं की आत्मनिर्भरता की उड़ान, मुर्गी पालन केंद्र से मिली नई राह

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मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में महिला सशक्तिकरण की दिशा में जिला प्रशासन ने एक और अहम कदम उठाया है. एबिस अस्मिता संस्था के सहयोग से बिहान योजना के तहत ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की नई पहल की गई ह…और पढ़ें

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मुर्गी

मुर्गी पालन

हाइलाइट्स

  • ग्रामीण आदिवासी महिलाओं के लिए मुर्गी पालन केंद्र शुरू किया गया.
  • जिला प्रशासन और एबिस अस्मिता संस्था ने मिलकर पहल की.
  • कलेक्टर ने मुर्गी पालन केंद्र का उद्घाटन किया.

सूर्यकांत यादव/राजनांदगांव. मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. जिला प्रशासन और एबिस अस्मिता संस्था के सहयोग से बिहान योजना के तहत ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की गई है.

ग्राम कुंजामटोला में आदिवासी महिलाओं के लिए मुर्गी पालन केंद्र शुरू किया गया है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. जिला प्रशासन की ओर से बिहान की दीदियों के लिए शेड का निर्माण कराया गया, जबकि एबिस अस्मिता संस्था ने चयनित महिलाओं को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की. इस पहल के तहत उन्हें आवश्यक संसाधन और विपणन सहयोग भी दिया जा रहा है, जिससे वे अपनी आय बढ़ाकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें.

 महिलाएं समाज की रीढ़ 
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने दीप प्रज्वलन कर किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ होती हैं और उनका सशक्तिकरण प्राथमिकता है. यह पहल न सिर्फ रोजगार का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को भी बढ़ावा दे रही है.

सुनहरा अवसर है यह पहल
कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने हितग्राही सुमित्रा बाई के हाथों रिबन कटवाकर मुर्गी पालन केंद्र का उद्घाटन कराया, जिससे महिलाओं को सम्मान और जिम्मेदारी का अनुभव मिला. कार्यक्रम के बाद उन्होंने सभी केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और महिलाओं को मेहनत और एकता के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी. बिहान की दीदियों ने इस पहल को अपने लिए सुनहरा अवसर बताते हुए जिला प्रशासन और एबिस अस्मिता संस्था का आभार जताया और इसे सफल बनाने का संकल्प लिया.

लखपति दीदी जैसी योजनाओं की नीव 
यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को प्रशिक्षण, संसाधन और बाजार से जोड़ते हुए स्वरोजगार की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है. ग्राम कुंजामटोला से शुरू हुई यह पहल महिला सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगी और भविष्य में ‘लखपति दीदी’ जैसी योजनाओं की नींव रखेगी.


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