Explainer: आखिर गाजा से हमास को क्यों नहीं उखाड़ पाया इजराइल?

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अक्टूबर 2023 में इजराइल से लोगों के अपहारण के बाद, इजराइली सेना IDF हमास से युद्ध कर रही है जिसका गाजा पट्टी पर शासन था. तब इजराइल ने हमास को पूरी तरह से खत्म करने की कसम खाई थी. लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका, जबकि …और पढ़ें

अक्टूबर 2023 ने इजराइल ने हमास को खत्म करने का फैसला लिया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गाजा सीजफायर लागू हो गया है. इसमें अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भी भूमिका बताई जा रही है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजराइल पर हमले के बाद से हमास इजराइल युद्ध की शुरुआत हुई थी, जब हमास ने 200 इजाराइली नागरिकों को बंधक बनाया जिनमें विदेशी भी शामिल थे. उसके बाद ट्रम्प के शपथ लेने के तक हमास ने तीन बंधकों को छोड़ा, तो बदले में इजारल ने 100 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर समझौते को औपचारिक रूप दिया. तो क्या सवा साल में इजराइल हमास को खत्म करने में नाकाम रहा?
क्या उठा ये सवाल?
पहले 7 अक्टूबर के बाद के हालात पर गौर कीजिए. हमास ने जब इजराइल से 200 लोगों को बंधक बनाया तब इजराइल ने सोचविचार कर हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया था और कहा था कि वह हमास का नामोनिशान मिटा देगा. लेकिन क्या यह कहा जा सकता है कि ऐसा हो सका है? बेशक इजराइल ने कई बड़ी कार्रवाइयां की, लेकिन क्या इजराइल अपने उस मकसद में कामयाब हो सका?
ताकतवर था इजराइल
यह सच है कि इस युद्ध में इजराइल एक बहुत बड़ी ताकत था और हमास केवल एक सीमित सा आतंकी संगठन. बेशक इसमें कुछ संगठन जैसे कि लेबनान का हिजबुल्लाह इजराइल के धुर विरोधी होने के कारण हमास का साथ दे रहे थे, लेकिन हमास को सारे इजराइल विरोधियों को खुला समर्थन नहीं मिल सका. युद्ध शुरू होते समय जहां हमास के पास सहयोगियों सहित कुल 40 हजार आतंकी थे, वहीं इजराइली सेना जिसे आईडीएफ के नाम से जाना जाता है, उसने 3 लाख सैनिक तैनात किए थे. इसके अलावा इजराइल के ड्रोम डिफेंस और अन्य सैन्य ताकत उसके पड़ोसियों की तुलना में बहुत अधिक ताकतवर है.

इजराइल हमास युद्ध की शुरुआत में इजराइल ने हमास पर तगड़ी जवाबी कार्रवाई की थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
क्या पूल प्रूफ थी हमास की प्लानिंग
पूरे युद्ध में हमास की प्लानिंग काफी जोरदार मानी जा सकती है. हमास को पता था कि सीधे युद्ध में वह कभी इजारइल पर हावी नहीं हो सकता था. इसलिए उसने एक सीधे टकराव से बचते हुए दूसरा रास्ता अपनाया उसने पूरी प्लानिंग की और इसके लिए पूरा समय लिया. खास बात यही थी कि उसने अपनी प्लानिंग की भनक तक किसी को लगने नहीं दी.
हमास का सुरंगों नेटवर्क
लेकिन हमास की प्लानिंग का दूसरा हिस्सा सबसे अहम है. यानी 7 अक्टूबर 2023 के बाद के हमले के बाद उसका क्या प्लान होगा. इसके लिए उसने उन सुरंगों के नेटवर्क का बखूबी इस्तेमाल किया और तमाम संभावित खतरों की पहचान भी की और यहां तक कि वह सुरंगों पर पूरी तरह से निर्भर भी नहीं रहा. यही वजह रही कि इजराइल की तकनीक सुसज्जित जवाबी हमले भी हमास को खत्म करने में नाकाम रहे.

हमास ने गाजा में सुरंगों के नेटवर्क का बहुत ही बढ़िया इस्तेमाल किया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
राजनैतिक अस्तित्व और शीर्ष निर्भरता का अभाव
हमास को खत्म ना कर पाने की सबसे बड़ी वजह यही है कि हमास का कोई राजनैतिक अस्तित्व नहीं है. ना ही वह कोई बहुत स्पष्ट विचारधारा है जिसके खिलाफ लोगों को खड़ा किया जा सके. विचारधारा के नाम पर फिलिस्तीन और इजराइल का विरोध भर है जो उसे किसी भी तौर पर गाजा के लोगों से बहुत अलग नहीं कर पाती है. इसके अलावा हमास में शीर्ष नेतृत्व पर निर्भरता कभी नहीं रही जिसके खत्म होने से हमास को कुछ खास फर्क पड़ता और हुआ भी यही.
तालिबान की तर्ज पर?
सबसे खास बात हमास ने भी वही किया जो कि एक जमाने में तालिबान ने अमेरिका के अफगानिस्तान में हावी होने पर किया था. लोगों में घुल मिल जाना. गाजा के लोगों से हमास के आतंकियों को छांटना बहुत मुश्किल है. इजराइल हमास पर तुरंत हमला नही कर सका, इसका भी पूरा फायदा हमास उठाने में कामयाब रहा.
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इजराइल की सीमाएं
दूसरी तरफ इजराइल की भी सीमाएं थी, वह सीमा पर खुल कर हमले नहीं कर सकता था. गाजा के अस्पताल में हमला करने से भी उसकी कम किरकिरी नहीं हुई थी. वहीं वह गाजा और उसके हर इलाके में भी सैन्य हमला नहीं कर सकता था जिसका पूरा फायदा हमास ने उठाया और नियोजित तरीके से उसके लड़के हर तरफ बिखर गए.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
January 23, 2025, 11:50 IST
