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Basant Panchami 2025 : 2 या 3 फरवरी कब मनाए बसंत पंचमी? ज्योतिषाचार्य से जानें

Agency:News18 Madhya Pradesh

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Basant Panchami 2025 : बसंत पंचमी को सही तिथि को लेकर अक्सर लोगों के मन में कन्फ्यूजन हो जाता है. प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य ने इसे दूर किया है. उनके अनुसार इस साल बसंत पंचमी तिथि 2 फरवरी सुबह 9:14 मिनट से शुरू हो…और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी
  • सरस्वती पूजन के लिए 2 फरवरी सर्वोत्तम दिन है
  • पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 तक है

खरगोन.हिंदू पंचाग के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ महीने की शुल्क पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. शास्त्रों की माने तो इसी दिन ब्रह्म ने सृष्टि की रचना की थी और देवी सरस्वती प्रकट हुई थी. लेकिन, इस बार तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कुछ लोग 2 फरवरी तो कुछ 3 फरवरी को बसंत पंचमी मान रहे है. ऐसे सरस्वती पूजन के किस दिन करना चाहिए? चलिए ज्योतिषाचार्य से जानते है.

लोकल 18 से बातचीत में खरगोन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. बसंत सोनी ने बताया कि, इस साल बसंत पंचमी तिथि 2 फरवरी सुबह 9:14 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 3 फरवरी की सुबह 6:52 मिनट तक रहेगी. इसलिए 2 फरवरी को ही बनाए पंचमी का पर्व मनाया जाना चाहिए. और सरस्वती पूजन के लिए यह दिन सर्वोत्तम रहेगा. क्योंकि, इस दिन सर्वार्थ सिद्ध योग भी बन रहा है. कोई भी शुभ कार्य करने के लिए इस दिन मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं है.

बसंत पंचमी के धार्मिक महत्व

ज्योतिषाचार्य बताते है कि, पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन ब्रह्मजी द्वारा देवी सरस्वती की रचना की गई थी. मां सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला की देवी माना जाता है. देवी सरस्वती ने वीणा बजाकर पूरे संसार में मधुर आवाज फैलाई, जिससे सृष्टि में जीवन का संचार हुआ. तभी से देवी सरस्वती को विज्ञान, ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है. इस क्षेत्रों से जुड़े लोगों को इस दिन देवी का पूजन करना चाहिए.

बसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व

ज्योतिषाचार्य डॉ. सोनी कहते है कि, बसंत पंचमी वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इसी दिन वसंत के आगमन होता है. ठंड कम होने लगती है और गर्मियों की शुरुआत होती है. खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते हैं, जो वसंत पंचमी के पीले रंग को दर्शाते हैं.

मां सरस्वती की पूजा का मूहर्त एवं विधि

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा विधि खास होती है. पूजन के लिए सुबह 7:09 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट तक शुभ रहेगा. पूजा में सफेद फूल, पीले वस्त्र, सफेद तिल और संगीत अर्पित किया जाता है. मां सरस्वती के चरणों में वीणा और पुस्तक रखना शुभ माना जाता है. इस दिन लोग मां से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद लेते हैं.

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