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6-6-6 वॉकिंग रूल आजमा लिया तो बॉडी हो जाएगी एकदम फिट, जानें कैसे अपनाएं यह फॉर्म्युला?

6-6-6 तकनीक को कोई भी फॉलो कर सकता है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है.इस तकनीक के तहत व्यक्ति को सुबह 6 बजे और शाम के 6 बजे 60 मिनट की वॉक करनी होगी. यानी सुबह 6 बजे आधा घंटा वॉक करें और शाम को 6 बजे भी आधा घंटा वॉक करें.

6-6-6 तकनीक को कोई भी फॉलो कर सकता है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है.इस तकनीक के तहत व्यक्ति को सुबह 6 बजे और शाम के 6 बजे 60 मिनट की वॉक करनी होगी. यानी सुबह 6 बजे आधा घंटा वॉक करें और शाम को 6 बजे भी आधा घंटा वॉक करें.

इस तरह आप एक दिन में 60 मिनट वॉक करेंगे. ये साठ मिनट की वॉक शरीर पर जमा एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में कारगर साबित होगी. इसके अलावा इसी के तहत आपको 6 मिनट का वॉर्म अप और 6 मिनट का कूल डाउन भी फॉलो करना होगा. यानी 6 मिनट जमकर एक्सरसाइज करके वॉर्मअप करें और फिर 6 मिनट शरीर को पूरी तरह आराम दें.

इस तरह आप एक दिन में 60 मिनट वॉक करेंगे. ये साठ मिनट की वॉक शरीर पर जमा एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में कारगर साबित होगी. इसके अलावा इसी के तहत आपको 6 मिनट का वॉर्म अप और 6 मिनट का कूल डाउन भी फॉलो करना होगा. यानी 6 मिनट जमकर एक्सरसाइज करके वॉर्मअप करें और फिर 6 मिनट शरीर को पूरी तरह आराम दें.

दरअसल 6-6-6 की तकनीक फिट और स्वस्थ रहने के लिए काफी कारगर कही जाती है. इससे वजन बहुत जल्दी कम होता है. साठ मिनट की वॉकिंग एक आसान और इफेक्टिव एक्सरसाइज है जिसे कोई भी कर सकता है और इसके लिए समय निकालना भी आसान है. ऐसे में युवाओं से लेकर बूढ़ों तक में 6-6-6 का रूल काफी पॉपुलर साबित हो रहा है. इतनी देर की वॉक में शरीर का मेटाबॉलिज्म मजबूत होने लगता है और फैट भी बर्न होने लगता है.

दरअसल 6-6-6 की तकनीक फिट और स्वस्थ रहने के लिए काफी कारगर कही जाती है. इससे वजन बहुत जल्दी कम होता है. साठ मिनट की वॉकिंग एक आसान और इफेक्टिव एक्सरसाइज है जिसे कोई भी कर सकता है और इसके लिए समय निकालना भी आसान है. ऐसे में युवाओं से लेकर बूढ़ों तक में 6-6-6 का रूल काफी पॉपुलर साबित हो रहा है. इतनी देर की वॉक में शरीर का मेटाबॉलिज्म मजबूत होने लगता है और फैट भी बर्न होने लगता है.

युवाओं से लेकर बूढ़ों तक में 6-6-6 का रूल काफी पॉपुलर साबित हो रहा है. इतनी देर की वॉक में शरीर का मेटाबॉलिज्म मजबूत होने लगता है और फैट भी बर्न होने लगता है. दिन में दो बार की ये वॉक कैलोरी घटाने में काफी मददगार साबित होती है. सुबह 6 बजे की गई वॉक आपका वजन तो कम करेगी ही, आपको एनर्जी भी प्रदान करेगी. इससे काम के स्ट्रेस से राहत मिलती है. इसके साथ साथ शाम की वॉक आपके दिन भर की थकान को दूर करके आपको चुस्ती प्रदान करेगी. इससे आपके शरीर का फैट तेजी से बर्न होगा और आपकी बॉडी भी टोन होने लगेगी.

युवाओं से लेकर बूढ़ों तक में 6-6-6 का रूल काफी पॉपुलर साबित हो रहा है. इतनी देर की वॉक में शरीर का मेटाबॉलिज्म मजबूत होने लगता है और फैट भी बर्न होने लगता है. दिन में दो बार की ये वॉक कैलोरी घटाने में काफी मददगार साबित होती है. सुबह 6 बजे की गई वॉक आपका वजन तो कम करेगी ही, आपको एनर्जी भी प्रदान करेगी. इससे काम के स्ट्रेस से राहत मिलती है. इसके साथ साथ शाम की वॉक आपके दिन भर की थकान को दूर करके आपको चुस्ती प्रदान करेगी. इससे आपके शरीर का फैट तेजी से बर्न होगा और आपकी बॉडी भी टोन होने लगेगी.

इसी वॉक के बीच में 6 मिनट का वॉर्म अप और 6 मिनट का कूल डाउन भी काफी फायदा करता है. ये आपकी मांसपेशियों को एक्टिव रखता है इससे हार्टबीट भी नियमित होती है. 6 मिनट तक आपको तेजी से वर्कआउट करना है, यानी तेजी से चलना और तेजी से एक्सरसाइज करना है. इसके बाद 6 मिनट हल्के से चलने की सलाह दी जाती है.वॉर्मअप जहां दिल की धड़कन को तेज करता है वहीं कूल डाउन दिल की धड़कन को धीमा करके नियमित करता है.

इसी वॉक के बीच में 6 मिनट का वॉर्म अप और 6 मिनट का कूल डाउन भी काफी फायदा करता है. ये आपकी मांसपेशियों को एक्टिव रखता है इससे हार्टबीट भी नियमित होती है. 6 मिनट तक आपको तेजी से वर्कआउट करना है, यानी तेजी से चलना और तेजी से एक्सरसाइज करना है. इसके बाद 6 मिनट हल्के से चलने की सलाह दी जाती है.वॉर्मअप जहां दिल की धड़कन को तेज करता है वहीं कूल डाउन दिल की धड़कन को धीमा करके नियमित करता है.

जैसा कि हम बता चुके हैं कि 6-6-6 का फार्मूला वजन को तेजी से कम करने में मदद करता है. इससे ब्लड प्रेशर को नियमित करने में मदद मिलती है और ये तनाव को भी दूर रखता है. इस तकनीक से दिल संबंधी कई बीमारियों का खतरा कम होता है. अच्छी नींद के लिए 6-6-6 की तकनीक को काफी प्रभावी कहा गया है क्योंकि ये दिमाग को स्ट्रेस फ्री करती है.

जैसा कि हम बता चुके हैं कि 6-6-6 का फार्मूला वजन को तेजी से कम करने में मदद करता है. इससे ब्लड प्रेशर को नियमित करने में मदद मिलती है और ये तनाव को भी दूर रखता है. इस तकनीक से दिल संबंधी कई बीमारियों का खतरा कम होता है. अच्छी नींद के लिए 6-6-6 की तकनीक को काफी प्रभावी कहा गया है क्योंकि ये दिमाग को स्ट्रेस फ्री करती है.

Published at : 18 Jan 2025 07:05 AM (IST)

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