2 दोस्तों ने कचरे से कैसे कमा लिए 1 करोड़ रुपये? पीएम मोदी भी कर चुके तारीफ

Agency:NEWS18DELHI
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Startup Success Story: 2 दोस्तों ने आसपास की परिस्थिती देख दिमाग लगाया और ऐसा आइडिया खोजा कि अब मोटी कमाई कर रहे हैं. आप भी पढ़ें उनकी सक्सेस स्टोरी.

NIT के छात्रों ने 3,50,000 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे से बनाए प्रोडक्ट्स
हाइलाइट्स
- सोनल और वैभव ने प्लास्टिक कचरे से 1 करोड़ रुपये कमाए.
- पीएम मोदी ने मन की बात में स्टार्टअप की तारीफ की.
- ईकॉन्शियस ने 3,50,000 किलोग्राम प्लास्टिक रिसाइकल किया.
Startup Success Story: दुनियाभर में हर साल 30 करोड़ टन से ज़्यादा प्लास्टिक बनता है, जिससे प्रदूषण की समस्या बहुत बढ़ती है. प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल करके टिकाऊ उत्पाद बनाना एक स्थायी समाधान है. इसी को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली स्थित स्टार्टअप ईकॉन्शियस 3,50,000 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल कर. उसे इस्तेमाल लायक चीजों में बदलकर प्लास्टिक प्रदूषण की तत्काल चुनौती का समाधान कर रहे हैं. यह स्टार्टअप सितंबर 2020 में सोनल शुक्ला और वैभव वर्मा द्वारा शुरू किया गया था.
लोकल 18 से बात करते हुए सोनम और वैभव ने बताया कि वह दोनों NIT कुरुक्षेत्र से ग्रेजुएट हैं और पहली बार वह वहीं पर मिले थे. उन्होंने यह भी बताया कि सर्दियों की छुट्टियों में वह एक बार हिमाचल प्रदेश में एक ट्रैक पर गए थे जहां पर उन्होंने यह देखा कि हर तरफ प्लास्टिक का कचरा फैला हुआ है. जिसके बाद उन्होंने पहली बार प्लास्टिक को रिसाइकल करके कुछ करने का सोचा था.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी की सराहना
सोनल और वैभव ने बताया कि उनके स्टार्टअप को सबसे बड़ी शुरुआत तब मिली थी जब मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्टार्टअप की तारीफ की थी. जिसके बाद फिर कई बड़ी कंपनियों ने उनके साथ काम करना शुरू किया था. उनका कहना था कि इसी के चलते हुए उन्होंने पिछले वर्ष 1 करोड़ तक की कमाई की है. हालांकि, उनका कहना था कि अभी यह स्टार्टअप अपने शुरुआती फेस में है लेकिन आने वाले कुछ सालों में वह इस स्टार्टअप को काफी बड़ा बना लेंगे.
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ऐसे होती है पूरी प्रक्रिया
सोनल और वैभव ने यह भी बताया कि उन्होंने 2020 में अपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी. जिसके बाद उन्होंने कई लोगों की और कंपनियों की मदद से प्लास्टिक के कचरे को एक जगह जमा करना शुरू किया. फिर उन्होंने इसे पूरी तरह से रिसाइकल करके इसमें रंग-बिरंगे कलर मिलाकर प्रोडक्ट्स बनाने शुरू किए. इसी रिसाइकल मटेरियल से फिर इन्होंने टिकाऊ वस्तुओं जैसे पार्क बेंच, डस्टबिन, प्लांटर्स और अन्य टिकाऊ चीजें बनाना शुरू किया.
February 15, 2025, 15:15 IST
