12 साल के इस लड़के के हाथों में है जादू! एक सिक्के को बना देता है दो

Agency:News18 Madhya Pradesh
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मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में 12 साल के अजीत अपनी अनोखी हाथों की कलाकारी से लोगों को चौंका रहा है. वह एक सिक्के को दो बनाने जैसा कौशल दिखाकर मनोरंजन करता है. आइए जानते हैं अजीत की कहानी…

हाथों की कलाकारी दिखाता युवक
हाइलाइट्स
- राजस्थान से आए अजीत बुरहानपुर में अपनी अनोखी कलाकारी दिखा रहे हैं.
- वह हाथों की कलाकारी से सिक्के को दो बना देता हूं.
- अजीत इस कला के जरिए रोज़ाना 200-300 रुपए कमाते हैं.
बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में छोटे-छोटे बच्चे भी अपनी हुनरमंदी से लोगों को हैरान कर रहे हैं. राजस्थान से आए 12 साल के अजीत इन दिनों अपने हाथों की अनोखी कलाकारी से शहर में लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. अजीत का कहना है कि यह कोई जादू नहीं, बल्कि उनकी मां द्वारा सिखाई गई एक खास कला है. इस कला के जरिए वह लोगों का मनोरंजन करते हैं और बदले में मिलने वाली राशि से अपने परिवार का पालन- पोषण करते हैं.
अजीत बताते हैं, “मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं, लेकिन मां ने मुझे यह अनोखी कला सिखाई है. अब मैं अपने हाथों की कलाकारी से लोगों को आकर्षित करता हूं और खुश करता हूं.” उनका यह हुनर न केवल उन्हें पहचान दिला रहा है, बल्कि उनके परिवार के लिए सहारा भी बन रहा है. अजीत का मानना है कि मेहनत और लगन से हर कोई अपनी तकदीर बदल सकता है, फिर उम्र चाहे जो भी हो.
कलाकार ने साझा किया अपना अनुभव
लोकल 18 की टीम ने जब 12 वर्षीय कलाकार अजीत से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वह राजस्थान के रहने वाले हैं. उनकी माता ने उन्हें यह अनोखी कला सिखाई है, जिसे हाथ की सफाई कहा जाता है. अजीत का कहना है, “यह कोई जादू नहीं है, अगर जादू होता तो हमें कमाने की जरूरत नहीं पड़ती. यह केवल हाथों की सफाई है, जिसके जरिए हम लोगों का मनोरंजन करते हैं.”
अजीत के मुताबिक, इस कला के जरिए वे लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं और जो भी राशि उन्हें मिलती है, उसी से उनका घर-परिवार चलता है. उनका मुख्य उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना नहीं, बल्कि लोगों को हंसाना और उनका मनोरंजन करना है.
हर दिन 200- 300 रुपए की होती है कमाई
अजीत का कहना है कि वह अपनी कलाकारी से रोज़ाना 200 से 300 रुपये कमा लेते हैं. उन्होंने बताया कि यह हुनर उन्हें बचपन से ही उनके माता-पिता ने सिखाया है. इसी के चलते वे अलग-अलग राज्यों में घूम-घूमकर लोगों का मनोरंजन करते हैं. कभी वे राजस्थान में अपनी कला दिखाते हैं, तो कभी मध्य प्रदेश के शहरों में जाकर इसे प्रस्तुत करते हैं.
अजीत का कहना है, “इस कला ने मुझे एक नई पहचान दी है. यह सिर्फ एक हुनर नहीं, बल्कि हमारी आजीविका का साधन भी है. लोग खुश होते हैं, ताली बजाते हैं और बदले में जो भी दे देते हैं, उससे हमारा गुजारा चलता है.”
Burhanpur,Madhya Pradesh
February 16, 2025, 18:51 IST
