हौसले को सलाम! पैरा-प्लेजिया जूझने के बाद भी कर रहे डिलीवरी बॉय का काम

Agency:News18 Chhattisgarh
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Inspirational Story: महेश्वर पाटले की कहानी समाज के उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के आगे हार मान लेते हैं. महेश्वर पिछले छह वर्षों से पैरा-प्लेजिया यानी शरीर का निचला हिस्सा पैरालाइज्ड की समस्या से …और पढ़ें

महेश्वर पाटले
हाइलाइट्स
- महेश्वर पाटले पैरा-प्लेजिया से जूझते हुए भी डिलीवरी बॉय का काम कर रहे हैं.
- महेश्वर ने बैटरी चलित व्हीलचेयर से फूड डिलीवरी का काम शुरू किया.
- महेश्वर की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है.
insरायपुर. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के रहने वाले महेश्वर पाटले की कहानी समाज के उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के आगे हार मान लेते हैं. महेश्वर पिछले छह वर्षों से पैरा-प्लेजिया यानी शरीर का निचला हिस्सा पैरालाइज्ड की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वे जोमैटो में फूड डिलीवरी बॉय के रूप में काम कर रहे हैं. फूड की डिलीवरी कर अपने परिवार का भी भरण-पोषण कर रहे हैं. इस कार्य से उनको कोई गिला-सिकवा नहीं है और इंज्वाय कर इस काम को अंजाम दे रहे हैं.
आर्थिक जरूरतों को देखते हुए शुरू किया काम
महेश्वर ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वर्तमान में राजधानी रायपुर के आरडीए कॉलोनी, बोरिया कला खुर्द में अपने परिवार के साथ रहते हैं. परिवार में माता-पिता और एक भाई हैं. पिता मिस्त्री का काम करते हैं, जबकि मां घर पर रहकर महेश्वर की देखभाल करती हैं. उन्होंने स्टेनो में आईटीआई किया हुआ है, लेकिन अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने डिलीवरी बॉय की नौकरी को अपनाया.
बैटरी चलित व्हीलचेयर बना सहारा
डिलीवरी के काम के लिए महेश्वर ने बैटरी चलित व्हीलचेयर वाहन खरीदा है, जिसकी कीमत एक लाख रुपए थी. हालांकि, जोमैटो में काम करने के कारण उन्हें यह गाड़ी डिस्काउंट पर मात्र दस हजार रुपए में मिली. इस व्हीलचेयर की मदद से वे 6 किमी के दायरे में रायपुर के विभिन्न इलाकों में जाकर फूड डिलीवरी करते हैं.
हौसले और आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं महेश्वर
महेश्वर पाटले का मानना है कि कठिनाइयों से हार मानने के बजाय आगे बढ़ने का जज्बा होना चाहिए. वे कहते हैं कि कोई भी काम करने में असफलता मिलती है तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए. मेरी स्थिति भी खराब है, लेकिन जीवन जीने के लिए कुछ न कुछ करना जरूरी है. कोई आकर मुफ्त में पैसे नहीं देगा. काम करने से आत्मनिर्भरता मिलती है और दूसरों को भी प्रेरणा मिलती है. उनका यह संदेश उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो बिना किसी शारीरिक समस्या के भी मेहनत करने से कतराते हैं. महेश्वर पाटले हौसले और आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं, जिनका जज्बा हर किसी को सीख देता है.
Raipur,Chhattisgarh
February 22, 2025, 20:35 IST
